शर्म करना या संकोच करना सभ्यता की निशानी होती है, लेकिन कभी कभी शर्म करने से आपको नुकसान भी हो सकता है
आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ जगहों पर संकोच करने से आप जीवन में पीछे रह जाएंगे
पैसों के लेन-देन में संकोच करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है
अगर किसी ने आपसे उधार लिए हैं तो बिना संकोच के उसे वापस मांगे
भोजन करने में कभी भी शर्माना नहीं चाहिए, कई बार लोग दूसरों के घर भोजन करने में संकोच करते हैं
लेकिन ऐसा करने से आपका ही नुकसान होगा, आप भूखें रहेंगे
किसी से ज्ञान लेने में कभी शर्माना नहीं चाहिए, अगर आपको कुछ नहीं आता तो उसे सीखने में कोई बुराई नहीं है
चाणक्य के अनुसार, सही और गलत का फर्क करने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए, ऐसे लोग कभी सफल नहीं हो पाते
अगर आपके सामने कहीं कुछ गलत हो रहा हो तो वहां अपनी आवाज जरुर उठाएं
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