BPSC Success Story : दो बच्चों की मां ने BPSC परीक्षा क्रैक कर रच दी सफलता की कहानी - Punjab Kesari
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BPSC Success Story : दो बच्चों की मां ने BPSC परीक्षा क्रैक कर रच दी सफलता की कहानी

BPSC Success Story : बाधाओं को पार उनका सामना करना ही सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद करता है। अब इसे सच कर दिख लाया है बिहार के पूर्वी चंपारण की नगमा तबस्सुम (Nagma Tabassum)  ने। उन्होंने सफलता की ऐसी कहानी रच डाली है कि सबकी ज़ुबान पर उनका ही नाम है।

BPSC Success Story

 

SDM बनी नगमा तबस्सुम

बता दें, बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC ने अपना 67 वीं परीक्षा का रिज़ल्ट निकाला था। इस रिज़ल्ट के सामने आने कि बाद सबकी ज़ुबान पर एक बहु, एक पत्नी और दो बच्चों की माँ नगमा तबस्सुम का नाम रटा हुआ है। क्योंकि उन्होंने यह सब फ़र्ज़ भी निभाए, अपनी परीक्षा पास की और 52वीं रैंक हासिल कर एसडीएम बन गई।

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तीसरे प्रयास में मिली सफलता

नगमा तबस्सुम को पहले प्रयास में सफलता हासिल नहीं हुई थी। लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत को टूटने नहीं दिया। दूसरी बार भी ट्राई किया। लेकिन इस बार भी उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई। पर नगमा जानती थी की जो पाना है उसके लिए मेहनत करते रहना जरुरी है इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और अपने सपनों पर अडिग रहीं जिसके बाद उन्हें तीसरे प्रयास में सफलता मिली।

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इसके बाद तो उनके घर बधाइयों का तांता लग गया। अब लगे भी क्यों ना जिस महिला ने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों के साथ साथ परिवार को भी पूरा समय दिया। वह महिला इतना बड़ा एग्जाम क्रैक कर जाये तो इससे बड़ी सफलता और क्या हो सकती है।

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परिवार को दिया श्रेय

BPSC Success Story : अपनी सफलता पर नगमा ने अपने परिवार को भी श्रेय दिया है। उन्होंने अपनी सफलता के पीछे अपने पति और अपने ससुर का बड़ा हाथ बताया है। नगमा ने बताया कि बेटियां ससुराल जाकर भी अपने सपने को पूरा कर सकती हैं। बता दें, नगमा तबस्सुम ने पहले बीटेक और एमटेक किया था। उन्हें सिविल सर्वेंट बनने का मन था। उसके बाद नगमा ने पढ़ाई शुरू की।

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यहां से की पढ़ाई

नगमा तबस्सुम ने 10वीं तक की शिक्षा तुरकौलिया से ली है। उसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का रूख किया। नगमा तबस्सुम वहां से 12वीं की फिर बीटेक और एमटेक की पढ़ाई पूरी की। नगमा तबस्सुम की गोद में तैयारी के वक्त दो बच्चे होते थे। बेटी इफरा इशराक जो दूसरी क्लास में पढ़ती है और बेटा इमदाद इशराक जो अभी काफी छोटा है।

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धैर्य रखना ज़रूरी

नगमा तबस्सुम की सफलता के पीछे उनकी लगन और लगातार मेहनत शामिल रही है। नगमा तबस्सुम ने अपनी सफलता से बाकी अभ्यर्थियों के एक बड़ा संदेश देते हुए ये बताया है कि अपना संयम नहीं खोएं। खासकर धैर्य रखें। सफलता कदम चूमेगी। इधर-उधर की बातों पर ध्यान नहीं दें। लंबे समय तक पढ़ने और तैयारी करने की क्षमता रखें। उन्होंने आगे ये भी कहा कि इन सबके साथ टाइम मैनेजमेंट तो काफी अहम ही है।

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