पानी प्राकृतिक का वह रूप है जिसके बिना कोई भी इंसान इस धरती पर जिंदा नहीं रह सकता है लेकिन जैसे जैसे समय बदल रहा है वैसे वैसे पानी की समस्या भी जा रही है अब हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आया है जिसमें सभी को उसे समय के लिए सोचने को मजबूर कर दिया है जो की आने वाले 10-15 साल में आने वाला है क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक अभी दुनिया के 25 देशों में पीने के पानी की समस्या हो रही है।
वहीं अगर समय रहते स्थिति को नहीं संभाला गया तो आने वाले समय में बहुत से देशों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। WWF की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक दुनिया की दो-तिहाई आबादी को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा इसके पीछे जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, औद्योगीकरण, जलवायु परिवर्तन और जल प्रबंधन में कमियाँ मुख्य कारण हैं। विश्व संसाधन संस्थान का एक्वाडक्ट जल जोखिम एटलस पानी की कमी की गंभीरता को दर्शाता है।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के 25 देश पानी की गंभीर कमी से जूझ रहे हैं। इसमें बहरीन, साइप्रस, कुवैत, लेबनान और ओमान जैसे देश भी शामिल हैं। गंभीर जल संकट का सामना करने वाले अधिकांश क्षेत्र पश्चिम एशिया और अफ्रीका के उत्तरी क्षेत्रों में स्थित हैं। पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ़्रीका में 83 प्रतिशत आबादी गंभीर जल संकट का सामना कर रही है। दक्षिण एशिया में 74 प्रतिशत आबादी पानी की कमी से जूझती है।
रिपोर्ट के लेखकों में से एक सामन्था कुज़्मा का कहना है कि हम पानी का प्रबंधन ठीक से नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि दस वर्षों तक पानी की कमी का अध्ययन करने के बावजूद स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। आपको पता हो कि पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत भाग पानी से घिरा हुआ है लेकिन इनमें ताजे पानी के स्रोत काफीकम हैं। पर्याप्त पानी संसाधनों वाला देश भी पानी की कमी से जूझ रहा है। सभी नदियाँ और झीलें आज कूड़ाघर में बदल गई हैं।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक दुनिया की दो-तिहाई आबादी को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। भारत में भी सरकार ने समय-समय पर पानी बचाओ जैसे कई योजनाओं की शुरुआत की है लेकिन पीने के पानी समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही है और यह हमारे आने वाले कल के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।