बड़े शहरों में डिमांड ज्यादा होने की वजह से किराए पर घर मिलना मुश्किल है। आईटी हब के रूप में और स्टार्टअप्स के लिए जाना जाने वाला बेंगलुरु शहर उच्च किराए की कीमतों के लिए काफी जाना जाता है। आप भी जानते है कि जितने भी मेट्रो सिटी है वहां रूम रेंट पर खोजना कितना बड़ा काम होता है। एक समय के बाद आपने एक मकान देख भी लिया पर उस मकान में रहने के लिए आपको कुछ ऐसे काम करने पड़ सकते है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको एक व्यक्ति ने ट्विटर पर शेयर किया कि कैसे उसके चचेरे भाई को एक मकान मालिक ने 12वीं कक्षा में उसके अंकों के कारण मना कर दिया। हालांकि यह कारण थोड़ा अजीव लग रहा है। उस व्यक्ति ने अपने चचेरे भाई की एक ब्रोकर के साथ व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट शेयर किए।
ट्विटर यूजर शुभ ने साझा किया कि कैसे एक ब्रोकर ने अपने चचेरे भाई योगेश को आधार और पैन कार्ड के अलावा अपने लिंक्डइन, ट्विटर प्रोफाइल, कंपनी के ज्वाइनिंग लेटर और 10वीं और 12वीं कक्षा की मार्कशीट शेयर करने के लिए कहा। उन्होंने उसे अपने बारे में 200 शब्दों का एक लेख लिखने के लिए भी कहा।
“Marks don’t decide your future, but it definitely decides whether you get a flat in banglore or not” pic.twitter.com/L0a9Sjms6d
— Shubh (@kadaipaneeeer) April 27, 2023
इसके बाद दलाल ने उन्हें बताया कि मकान मालिक ने उनके 12वीं कक्षा के अंको के अजीबोगरीब कारण से उन्हें रिजेक्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मालिक को 12वीं में 90 फीसदी अंक आने की उम्मीद थी लेकिन उसने 75 फीसदी अंक हासिल किए हैं। शुभ ने पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा, “अंक आपका भविष्य तय नहीं करते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से तय करते हैं कि आपको बंगलौर में फ्लैट मिलेगा या नहीं”। शुभ ने कमेंट में बताया कि यह मकान मालिक आईआईएम से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं।
इस पोस्ट में वायरल होने के बाद लोगों के मिले जुले रिएक्शन सोशल मीडिया पर सामने आ रहे है। कुछ का तो अब ये भी कहना है कि जिसके 10वीं और 12वीं कक्षा में कम नंबर आए है उनको तो कभी भी बड़े शहरों में किराए पर रूम नहीं मिल पाएंगे। वैसे इस बारे में आपका क्या सोचा है ये आप हमे कमेंट करके जरूर बताएं।