अपने इष्टदेव का आशीर्वाद पाने के लिए जब आप व्रत या उपवास रखते हैं तो उसको सफल बनाने के लिए पूजा-पाठ के साथ जिन जरूरी नियमों को हमेशा ख्याल रखना चाहिए।हिंदू धर्म में व्रत का काफी महत्व है और इसे उपवास के नाम से भी जाना जाता है। व्रत एक विचार है, जो मन में संकल्प लेकर किया जाता है। व्रत के धार्मिक महत्व को देखते हुए सभी धर्मों में इसे किसी न किसी रूप में अपनाया गया है। व्रत करने से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाता है और ईश्वर का प्रिय हो जाता है।
शास्त्रों में व्रत करने के कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं, जिसे आप एकादशी से लेकर करवा चौथ और महाशिवरात्रि आदि सभी व्रतों में पूर्ण रूप से पालन करने चाहिए। इन नियमों के पालन न करने से व्रती को व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता और पाप का भागी बन जाता है।
विधि-विधान से किए जाने वाले व्रत से बड़ा कोई तप नहीं होता है। ऐसे में किसी भी व्रत की सफलता के लिए इन नियमों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए।
किसी भी देवी-देवता या फिर ग्रह विशेष की कृपा पाने के लिए रखा जाने वाला व्रत हमेशा पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाना चाहिए। मान्यता है कि आधे-अूधरे मन से किया जाने वाला कोई भी व्रत संकल्प नहीं होता है।
व्रत वाले दिन में भूलकर भी दिन में नहीं सोना चाहिए।व्रत वाले दिन अधिक से अधिक अपने इष्टदेव के नाम का भजन-कीर्तन, ध्यान और स्वध्याय करना चाहिए।
व्रत करने वाले व्यक्ति को हमेशा सत्य वचन बोलें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
यदि किसी कारणवश आपका व्रत खंडित या छूट जाए तो संकल्पित व्रतों की संख्या में एक और दिन व्रत करके उसे पूरा करें।
इस दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें। खाने में प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी न करें।
अगर आपने व्रत का संकल्प ले लिया है और किसी कारण आपका स्वास्थ्य सही नहीं है,तो उस दिन बिल्कुल भी व्रत न करें।