जिस प्रकार आज दुनिया विज्ञानं में अर्ध शास्त्र में तरक्की कर रही हैं वैसे ही गरीब बच्चो के लिए सरकारी विद्यालयों में भी कई तरह की एक्टिविटीज शुरू की गई हैं जिससे उनका मानसिक रूप से भी विकास हो सके। साथ ही शारीरिक खेल में भी बच्चे भाग ले और मन के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी चुस्त-दुरुस्त बने।
इसी कड़ी में तालाग्राम विकास खंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय हाजिर पूर्व में बच्चों को चुनाव संबंधित जानकारी खेल-खेल के माध्यम से मिल सकें जिसके लिए अध्यापकों ने विद्यालय में ही चुनाव जैसा माहौल बनाकर बच्चों को सिखाया कि कैसे चुनाव होता है उसकी प्रक्रिया क्या होती हैं और एक आम आदमी का चुनाव में क्या भूमिका हैं, और कैसे प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है।
अध्यापकों द्वारा विद्यालय में ही चुनाव प्रक्रिया की पूरी रचना की गई। इस दौरान अध्यापको ने चुनाव प्रक्रिया के तहत बाल संसद का आयोजन किया साथ ही बाल संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए अनुराधा सूरज और हिमांशु का नामांकन किया गया हैं। अनुराधा सूरज और हिमांशु ने नामांकन किया नामांकन पत्रों की जांच के बाद चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए, उम्मीदवारों ने अपने साथियों के साथ वोट मांग कर जीत के लिए पूरा जोर लगाया।
बच्चो ने जानी मताधिकार की प्रक्रिया
बाल संसद के इस चुनाव प्रक्रिया को आयोजित करने के बाद में 48 बच्चों ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमें अनुराधा को पूरे 26 सूरज को 14 और हिमांशु को 5 मत प्राप्त हुए। जबकि तीन मत बच्चो द्वारा नोटा में पड़े। जिसके चलते अनुराधा को विद्यालय का नव निर्वाचित प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया और इन तरीको से बच्चो को प्रक्रिया समझे गई। अनुराधा की सलाह पर उप प्रधानमंत्री प्रांशु, मंत्री हिमांशु, सूरज मोहिनी, शाहिल, रितिक, आकांक्षा, मुस्कान, आशीष, सोनी व अन्य मंत्रियों की नियुक्ति की गई।
विद्यालय परिसर में बनाया गया चुनाव जैसा माहौल
विद्यालय के प्रधानाध्यापक विक्रम शाह ने बताया कि, “इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से बच्चों का मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है और विद्यालय का माहौल भी बहुत अच्छा रहता है. ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से बच्चों का विद्यालय आने में रुझान बढ़ता है. वहीं, इन कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को यह भी जानकारी होती है कि देश में किस तरह से चुनाव प्रक्रिया होती है और किस तरह से मंत्री नेता चुने जाते हैं, इस कार्यक्रम में बच्चों की रुचि देखी गई जिसके लिए हम लोगों ने पूरे विद्यालय परिसर में चुनाव जैसा माहौल बनाया. बाकायदा बच्चों का नामांकन हुआ उनको बैलट पेपर दिए गए चुनाव प्रक्रिया हुई और बच्चों के ही बीच से प्रधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों का चुनाव हुआ और उनको विद्यालय में ही विभाग भी बांटे गए.”