देश ही नहीं बल्कि दुनिया भी आधुनिकीकरण की और बढ़ रही हैं और ऐसे में पिछले कई सालों से, अलग अलग देश दुनिया में सबसे शक्तिशाली बनने के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। देशों के पास पहले अच्छी तकनीक और उपयोगी चीज़े होती थी और इसकी वजह से इनकी प्रशंसा की जाती थी। जिसके पास जितनी अछि टेक्नोलॉजी और तकनीक वह उतना ही समृद्ध और शक्तिशाली मन जाता था।
लेकिन समय के साथ सत्ता की परिभाषा बदलने लगी। आज, किसी व्यक्ति की अपनी शक्ति के प्रति हालात उसके पास मौजूद घातक और जानलेवा हथियारों की संख्या से बढ़ जाती है। गोली बंदूकों से पहले शक्ति का प्रदर्शन किया जाता था. लेकिन अब इसका अर्थ भी बदल गया है।
आखिर क्या हैं ये पूरा मामला?
समय के साथ सत्ता के अपने नए मतलब सामने आये हैं । एक समय कई देशों के बीच परमाणु हथियारों की होड़ मची हुई थी कि किसके पास कितने परमाणु हथियार हैं। हर देश इस हथियार का उत्पादन जोरो-शोरों से करने लगा था और अपनी शक्ति बढ़ाने का काम कर रहा था। लेकिन समय के साथ परमाणु हथियारों का युग भी ख़त्म हो गया और ये पुराण तरीका साबित होने लगा। लेकिन अब एक न्य युग आया जिसमे की जैविक हथियार सामने आ रहे हैं। यह सच है कि अब जैविक हथियार बनाये जा रहे हैं। जैविक हथियार का मतलब बायोलॉजिकल हथियार से हैं। इससे खतरनाक वायरस पैदा होते हैं जो दुनिया को तबाह करने की ताकत रखते हैं।
यूके की लैब में जन्म ले रहा एक और खतरनाक वायरस
हाल ही में आई खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन कथित तौर पर एक नया वायरस बना रहा है। इसे देश के बीस सबसे अच्छे और टॉप केटेगरी के वैज्ञानिकों द्वारा एक गुप्त लैब में तैयार किया जा रहा है। यह बर्ड फ्लू की तरह ही पक्षियों से इंसानों में फैलेगा। इंग्लैंड के पोर्टन डाउन इसके लिए एक ख़ुफ़िया सोर्स बन गया हैं झा इसके परीक्षण किये जाएंगे। यह कोरोना जैसे घातक वायरस के खिलाफ एंटीडोज टीके बनाने के लिए सुविधाएं हैं। हालाँकि, इस लैब में एंटीडोज़ बनाने के लिए कोरोना जैसे कई घातक वायरस बनाए और स्टोर किए जाते हैं।
बेहद घातक हैं ये बर्ड फ्लू
सुविधा में बनने वाले बहुत से वायरस में से एक बर्ड फ्लू है। अगर यहां किसी भी तरह का रिसाव हुआ या फिर कोई भी लापरवाही हुई तो कई घातक वायरस एक बार फिर पूरी दुनिया में फैल जाएंगे, जैसा कि चीन के वुहान में हुआ था। बहुत खतरे से भरे होने के कारण इस लैब में केवल बीस लोगों को ही अंदर जाने की इजाजत मिली है। हालाँकि इस लैब में वर्तमान में कई वायरस बनाए जा रहे हैं, लेकिन एवियन फ्लू वायरस को सबसे खतरनाक और दुनिया के लिए बेहद घातक वायरस माना जाता है। बस देखने वाली बात ये होगी कि क्या ब्रिटेन दुनिया को बचाने के इस प्रयास में एक और आपदा का कारण तो नहीं बन जाता हैं।