इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होनी है। इसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम अभी से कर दिए गए हैं। साथ ही श्रद्घालुओं का जत्था भी रवाना कर दिया गया है। इस बार अमरनाथ यात्रा 46 दिनो की होगी जो रक्षाबंधन यानि 15 अगस्त के दिन समाप्त हो जाएगी। इस साल आंतकियों के हमले की आशंका के चलते कुछ खास चीजों पर ज्यादा फोकस किया गया है। तो यात्रा में क्या-क्या चीजें रहने वाली है खास आइए जानते हैं इन सभी चीजों के बारे में।
1.एक जुलाई यानि सोमवार से शुरू होगी श्री अमरनाथ की यात्रा। इस दौरान रोजाना पहलगाम,चंदनबाडी और बालटाल से तकरीबन साढ़े सात हजार भक्त यात्रा कर सकेंगे।
2.इसके अलावा पंचतरिणी यात्रा सेवा यानि ऑनलाइन पंजीकरण के जरिए बुकिंग कराने वाले भक्तों को सीधे दर्शन की अनुमति है। यात्रा को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट को भी शामिल किया गया है।
3.सीमित ऑनलाइन बुकिंग की वजह से ऐसे में भक्तों की ज्यादा भीड़ नहीं होगी। नतीजतन पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
4.यात्रियों को यात्रा करते समय किसी प्रकार की परेशानी न हो उसको ध्यान में रखते हुए मार्ग पर दोनों ओर रेलिंग लगाई गई है। साथ ही स्वास्थ केंद्र और मौसम विभाग के पैनल भी बनाए गए हैं।
5.इस बार अमरनाथ यात्रा पिछली बार के मुकाबले 14 दिन कम की है। साल 2018 में यात्रा की अवधि 60 दिनों की थी। सुरक्षा कारणों और पर्यावरण पर ध्यान देते हुए यात्रा को कम दिन कर कर दिया गया है।
6.यात्रियों को खाने-पीने में परेशानी न हो इसके लिए भी थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लंगर की व्यवस्था की गई है।
7.आतंकियों से लगातार मिल रही धमकी की वजह से इस बार सुरक्षा के इंतजाम पर ज्यादा चौकसी की जा रही है। भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लेकर लखनपुर तक नेशनल हाईवे तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
8.प्राकृतिक बर्फ से तैयार होने वाले शिवलिंग की ऊंचाई इस बार 15 फीट है। जो पिछली बार की तुलना में ज्यादा ठोस है। इसके पूरी तरह से ठोस होने के चलते भोलेनाथ ज्यादा दिनों तक भक्तों को दर्शन दे पाएंगे।