एक ऐसी घाटी जहाँ न सूरज की रोशनी न चाँद की चांदनी, जाने वाला कभी लौटकर नहीं आता हैं वापिस - Punjab Kesari
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एक ऐसी घाटी जहाँ न सूरज की रोशनी न चाँद की चांदनी, जाने वाला कभी लौटकर नहीं आता हैं वापिस

आज भी इस दुनिया में कुछ ऐसी जगहें मौजूद हैं जिनके रहस्यों व राज़ो पर अब भी संदेह

आज भी इस दुनिया में कुछ ऐसी जगहें मौजूद हैं जिनके रहस्यों व राज़ो पर अब भी संदेह बना हुआ है। और इसका जवाब वैज्ञानिक भी नहीं ढूंढ पाए हैं। ग्रह पर कई ऐसी चीजें भी होती हैं जिन्हें जानकर हम हैरान रह जाते हैं और हमारे मन में तरह-तरह के सवाल उठते हैं। इसी रहस्य में आज हम आपको एक ऐसी घाटी से रूबरू कराएंगे जिसे आज तक कोई नहीं तलाश पाया है। ऐसा कहा जाता है कि यह घाटी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच में पड़ती है, लेकिन अब तक जो भी लोग यहां आए हैं वे कभी वापस नहीं लौटे हैं। 
आखिर कौन सी हैं ये घाटी?
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जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं  ”शांगरी-ला घाटी” के बारें में, जिसे चौथे आयाम के वातावरण में समय से प्रभावित हुए स्थानों में से एक माना जाता है। ऐसा मन जाता हैं कि इन जगहों पर समय ठहर जाता है। कई लोग ऐसा भी मानते हैं कि यह घाटी ग्रह का मन नियंत्रण केंद्र हैं। आज तक बहुत से लोग “शांगरी-ला वैली” को खोजने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी सफल नहीं हो पाया है। ऐसा भी कहते हैं कि जो यहां जाता हैं वह वापिस नहीं आता हैं। 
युत्सुंग ने आखिर दी क्या जानकारी?
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अरुण शर्मा ने अपनी किताब “द मिस्टीरियस वैली ऑफ तिब्बत” में इस रहस्यमयी घाटी शांगरी-ला का किस्सा भी छेड़ा हैं। शांगरी-ला घाटी में, वे कहते हैं, समय का प्रभाव नहीं गिना जा सकता हैं, जहां मन, जीवन और विचार की शक्ति की सीमाएं कई गुना अधिक हो जाती हैं। युत्सुंग नाम के एक लामा ने उन्हें इसके बारे में बताया। यदि कोई वस्तु या व्यक्ति अनजाने से गलती से भी वहां पहुंच जाता है तो वह इस संसार में कभी वापस लौट ही नहीं सकता।
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युत्सुंग का दावा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस रहस्यमय घाटी का दौरा किया है। उन्होंने दावा किया कि हालांकि वहां कोई चांदनी या सूरज की रोशनी मौजूद नहीं थी, लेकिन हर जगह एक अजीब सी रोशनी मौजूद थी। इतना ही बल्कि आपको जानकर हैरानी होगी कि तिब्बत के तवांग मठ के एक पुस्तकालय में रखी तिब्बती भाषा की पुस्तक जिसका नाम “काल विज्ञान” हैं, में भी इस रहस्यमय घाटी के बारें में चर्चा की गई हैं। 
क्या इसके राज़ से पर्दा उठ पाएगा?
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वास्तव में आपको बताएं कि सिद्धाश्रम इसी घाटी का दूसरा नाम है। इतना ही नहीं इस स्थान का उल्लेख महाभारत और वाल्मिकी रामायण के साथ-साथ वेदों में भी मिलता है। इसके अलावा, जेम्स हिल्टन ने अपनी पुस्तक “लॉस्ट होराइजन” में इस रहस्यमय घाटी के बारे में लिखा है।
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चूंकि तब से इस स्थान तक कोई नहीं पहुंच सका है, इसलिए आज तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं मिल पाई है। अलग अलग लोगों ने बेशक अपनी किताबों में इसके बारें में बेशक लिखा हो लेकिन एक सुलझी हुई जानकारी किसी के पास नहीं हैं जो इस राज़ से पर्दा उठा पाए। इस घाटी को देखने और इसके बारे में और अधिक जानने के कई प्रयासों के बावजूद, जो कोई भी वहां जाता है वह हमेशा के लिए गायब होने का जोखिम उठाता है।

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