लाखों की कीमत में बिकता है एक शहतूश शॉल, दुनिभर में फेमस लेकिन भारत में है बैन - Punjab Kesari
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लाखों की कीमत में बिकता है एक शहतूश शॉल, दुनिभर में फेमस लेकिन भारत में है बैन

Shahtoosh Shawl: पश्मीना शॉल के बारे में आपने भी सुना होगा। इसके शॉल काफी महंगे होते है लेकिन ये सर्दियों के मौसम में काफी गर्म होते है। इसलिए ही इन्हें पसंद किया जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शॉल के बारे में बता रहे हैं जो पश्मीना से भी बहुत महंगे होते है। सबसे बड़ी बात की अब इन शॉल को बनाने पर भी बैन लगा दिया है।

  • पश्मीना से भी महंगा शहतूश शॉल
  • एक शॉल की लाखों में है कीमत
  • 4-5 चिरू के बालों से बनता है ये शॉल
  • मेकिंग प्रोसेस के कारण भारत में है बैन

Shahtoosh Shawl

शहतूश शॉल की खासियत

शहतूश शॉल एक चिरु नाम के एक जानवर के बालों से बनाया जाता है। ये जानवर बर्फीले पहाड़ जैसे तिब्बत और लद्दाख रिजन में पाए जाते हैं। इन चिरु के बालों का इस्तेमाल करके शहतूश शॉल बनाए जाते हैं। चिरु के बालों से बने शॉल काफी गर्म होते है ये ही वजह है कि लोग इन्हें इतना पसंद करते है।

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क्यों है इतने महंगे शहतूश शॉल?

Shahtoosh Shawl: बता दें, शहतूश शॉल के महंगे होने का पहला कारण उसको बनाने की तरीका है। क्योंकि ये किसी जानवर के बालों से बनता है। इसके साथ ही खास बात ये है कि चिरु काफी दुर्लभ जानवर हैं और उनके बालों को जमा करना और उससे शॉल बनाना काफी मुश्किल काम है. कहा जाता है कि एक शॉल बनाने के लिए 4-5 चिरू के बालों का इस्तेमाल होता है, जिस वजह से इसकी रेट और भी ज्यादा हो जाती है।

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क्यों बैन हुआ शहतूश शॉल

दरअसल, शहतूश शॉल को बैन करने की वजह इसकी मेकिंग प्रोसेस है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब एक शहतूश शॉल बनाया जाता है तो एक शॉल के बनाने में 4-5 चिरु की मौत हो जाती है। इसका नतीजा ये है कि हर साल कई चिरु की मौत सिर्फ शॉल बनाने की वजह से हो जाती है। ऐसे में इसे अब दुर्लभ जानवर माना जा रहा है और लगातार हो रही मौत की वजह से इस पर बैन लगा दिया गया है।

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बता दें कि साल 1975 में IUCN द्वारा शहतूश शॉल को बैन कर दिया गया और इसके बाद 1990 में भारत ने भी इस शॉल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब इसकी बिक्री बैन है। वहीं इसकी कीमत पर बात करें तो एक शॉल 5000 डॉलर से लेकर 20 हजार डॉलर तक में भी बिकता है। यानी इसे खरीदने के लिए आपको 10-15 लाख रुपये तक भी खर्च करने पड़ सकते हैं।

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