दिन पर दिन प्लास्टिक का इस्तेमाल कम नहीं बल्कि बढ़ता ही जा रहा है। क्योंकि हर एक चीज में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। बेशक हम उसे यूज करके फेंक ही क्यो न देते हों लेकिन वो प्लास्टिक कहीं और जाता नहीं है, ना ही वो सड़ता है,ना ही उसे जमीन खाती है। क्योंकि प्लास्टिक हमेशा वैसे का वैसा ही रहता है जैसा होता है।
प्लास्टिक की गिनती उन चीजों में की जाती है जो हर जगह आपको जरूर न जरूर दिखाई दे ही जाएगा। समुंद्र में मछलियां प्लास्टिक खा रही हैं। वहीं गाय भी नुक्कड़ पर प्लास्टिक बड़े चाव से चबा रही है।
ऐसा में कभी सोचा है आखिर करें तो करें क्या? हाल ही में उत्तराखंड के मसूरी में एक नई पहल की गई है। यहां पर कचरे में पड़ी प्लास्टिक से एक दीवार बनाई गई है और वो भी इसलिए ताकि प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके।
यह स्पेशल दीवार बनाई है 15000 बोतलों से
बता दें कि मसूरी के बंग्लो में कांडी बांव में 15 हजार खाली प्लास्टिक की बेकार बोतलों से एक बेहद खूबसूरत रंगीन दीवार बनाई गई है। जिसका नाम वाल ऑफ होप रखा गया है। यानि उम्मीद की दीवार। यह रंगीन दीवार करीब 1500 फीट लंबी और 12 फी ऊंची है।
ये दुनिया होनी चाहिए प्लास्टिक मुक्त
इस बेहद अनोखी दीवार का डिजाइन सुबोध केरकर ने किया है। उन्होंने बताया कि वो गांव और कस्बों एंव शहरों को प्लास्टिक फ्री करना चाहते हैं जिसके लिए वह इसी काम में लगे हुए हैं।
इस प्लास्टिक वाली दीवार का निर्माण करने वो जनता को यह मैजेस देना चाहते हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करें। इतना ही नहीं उन्होंने स्थानीय लोगों को भी यह बतलाया है कि प्लास्टिक पहाड़ों के किस हद तक खतरनाक है। इस वॉल ऑफ होप वाली दीवार का उद्घाटन सितारवादक अग्नि वर्मा ने किया है।