हाल ही में मध्य प्रदेश के देवास में पानी की कमी के चलते और लू की वजह से 15 बंदरों की मौत हो गई। बागली उप वन मंडल के पुंजापुरा रेज के तहत जोशी बाबा के जंगल कक्ष क्रमांक 540 में बंदरों की मौत हुई है। जिसके बाद से ही वन विभाग में हडकंप मच गया है। गांव के मानसिंपुरा के एक बकरी चराने वाले 12 साल के बच्चे ने इस पूरे मामले का 6 जून को खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि इन बंदरों की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है।
बंदरों के एक समूह ने पानी पर किया कब्जा
पीएन मिश्रा जो कि जिला के वन अधिकारी ने उन्होंने बताया कि पास के पानी के स्त्रोत को बंदरों के एक अन्य समूह ने अपने कब्जे में ले लिया जिसने इस समूह को बंदर के पानी नहीं पहुंचने दिया जिसकी वजह से उन 15 बंदरों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है और बाकी के मारे हुए बंदरों के शव को जांच के लिए प्रयोगशला भी भेजा गया है।
संक्रमण फैलने का खतरा
वन अधिकारियों ने कई सारे बंदरों के शव को जलाने देने की बात बोली है। अधिकारियों का कहना है कि कई सारे बंदरों की मौत इंफेक्शन होने का डर होने की वजह से जल्दी उनके शवों को जला दिया गया है। जिला पीएन मिश्रा ने ये भी कहा कि शव सड़ रहे थे। इसलिए सावधानी के तहत कुछ शव हमने जलाए हैं।
जोशी बाबा फॉरेस्ट रेंज के स्थनीय लोगों का कहना है कि धूप और भीषण गर्मी की वजह से 100 से ज्यादा बंदरों की मौत हो गई है। वन विभाग तो 15 बंदरों की मौत की बात बोलकर सच को साफ -साफ छुपा रहा है। वहीं पास के गांव के लोगों का कहना यह भी है कि जंगल में बड़ी संख्या में बंदरों के शव पड़े हुए थे।
जब यहां के लोगों ने सवाल किया तो इन्हें जला दिया गया और कुछ को दबा दिया गया। गांव के लोगों ने ये भी कहा कि जंगल में न तो कुछ खाने के लिए और न ही पीने के पानी और तापमान भी 45 डिग्री है। ऐसे में आखिर जानवर कैसे जिंदा रह सकते हैं।