उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में माटी कला को प्रोत्साहन देने के लिए आवंटित राशि की दूसरी क़िस्त को मंजूरी दे दी है। इसका लक्ष्य माटी कला को बढ़ावा देने के लिए और राज्य पारंपरिक कला, ग्रामीण संस्कृति और ग्रामीण उद्योगों का बढ़ाना है। राज्य में पारंपरिक मिट्टी कला को बढ़ावा देने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहे उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड को सरकार की मंजूरी के बाद जल्द ही 1.66 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त मिलेगी।
माटी कला’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुल 10 करोड़ रुपये आवंटित किए
योगी सरकार ने राज्य में ‘माटी कला’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के लिए कुल 10 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसमें से 1.66 करोड़ रुपये की पहली किस्त पहले ही बोर्ड को मिल चुकी थी। अब शेष 8.33 करोड़ रुपये में से 1.66 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त सरकार ने स्वीकृत कर दी है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड को दूसरी किश्त जारी करने के संबंध में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।
बोर्ड को 1.66 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता
पिछली किस्त की तरह ही राज्य में ‘माटी कला’ को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड को 1.66 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रदर्शनियों में उन्हें अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिलता है, जिससे न केवल उनकी आय बढ़ती है बल्कि व्यापक बाजारों तक उनकी पहुंच भी बढ़ती है। परिणामस्वरूप, राज्य के मिट्टी कारीगरों की प्रतिष्ठा केवल देश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विश्व स्तर पर गूंजती है।