बुलंदशहर में यादव समाज ने लगाया जातिसूचक बोर्ड, दलितों के विरोध पर बढ़ा विवाद - Punjab Kesari
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बुलंदशहर में यादव समाज ने लगाया जातिसूचक बोर्ड, दलितों के विरोध पर बढ़ा विवाद

बुलंदशहर में जातीय विवाद, पुलिस ने की कार्रवाई

बुलंदशहर के जुनैदपुर गांव में यादव समाज द्वारा जातिसूचक बोर्ड लगाए जाने से जातीय तनाव उत्पन्न हो गया। दलित समुदाय ने बोर्ड पर आपत्ति जताई, जिसके बाद पुलिस ने बोर्ड हटाया और कार्रवाई की। यादव समाज ने दोबारा बोर्ड लगाकर पंचायत बुलाई, जिससे तनाव बढ़ गया। पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत में लिया और शांति भंग की कार्रवाई की।

Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के कोतवाली सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव जुनैदपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां यादव समाज द्वारा गांव की सीमा पर एक जातिसूचक बोर्ड लगाए जाने के बाद जातीय तनाव गहरा गया है. बोर्ड पर ‘यदुवंशी गांव- जुनैदपुर, अहीर रेजिमेंट हक है हमारा, जय यादव” लिखा गया था. इस बोर्ड को लेकर गांव के दलित समुदाय ने आपत्ति जताई.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दलित समाज के लोगों का कहना है कि इस तरह का बोर्ड लगाने से सामाजिक सौहार्द पर असर पड़ा है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने बोर्ड को हटा दिया और थाने ले आई.

यादव समाज ने दोबारा लगाया बोर्ड

ऐसे में बोर्ड हटाने के बावजूद यादव समाज के लोगों ने दोबारा गांव में पंचायत बुलाई और बोर्ड फिर से लगा दिया. इस पंचायत में आसपास के गांवों से यादव समाज के लोग और सपा नेता शामिल हुए. इस कदम से गांव में तनाव और बढ़ गया.

पुलिस की सख्त कार्रवाई

इस बीच मामले की शिकायत मिलने पर सिकंदराबाद कोतवाली प्रभारी अनिल शाही भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस ने जबरन बोर्ड लगाने और पंचायत आयोजित करने के मामले में समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं समेत अहीर रेजिमेंट के 12 लोगों को हिरासत में लिया. सभी के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की गई है.

दलित समाज ने जताई संतुष्टि

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से दलित समाज ने राहत की सांस ली है. गांव के पूर्व प्रधान वीरेंद्र ने बताया कि इस प्रकार के जातिसूचक संदेशों से सामाजिक वैमनस्य और टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही थी, जिससे कोई गंभीर घटना हो सकती थी.

केवल 35% यादव, बाकी अन्य समुदाय

गांव के लोगों का कहना है कि जुनैदपुर में यादव समाज की आबादी मात्र 35% है जबकि अन्य जातियों की हिस्सेदारी 65% है. ऐसे में पूरे गांव को एक जाति विशेष से जोड़ना गलत है और यह अन्य समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन है.

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आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने बताया कि कपिल यादव, बबलू यादव, नरेंद्र सिंह यादव और उनके सहयोगियों पर दलित समुदाय को धमकाने और गांव में अशांति फैलाने के आरोप लगे हैं. प्राप्त तहरीर के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

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