देश व राज्य यूपी में सत्तासीन पार्टी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह इसी हफ्ते अपने अध्यक्ष से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल उपज कर आ रहा हैं की पार्टी हाईकमान इस पद पर बैठने के लिए किस नेता को मौका दे सकता हैं। स्वतंत्र देव सिंह वर्तमान में यूपी सरकार में जलशक्ति मंत्री भी हैं और पार्टी में एक पद एक व्यक्ति की परंपरा है। ऐसे में माना जा रहा है कि स्वतंत्र देव सिंह यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे। पिछले कई दिनों से यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा चल रही है।
2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होगा अध्यक्ष का चयन
भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अध्यक्ष पद का चुनाव कर सकती हैं , क्योंकि भाजपा हाईकमान किसी भी सूरत में यूपी में विजय रथ का पहिया रोकना नहीं चाहती। सियासी हल्कों में चर्चा का बाजार गर्म हैं, ऐसे में भाजपा पूरे सोच विचार के साथ और जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए अगले अध्यक्ष का चुनाव करेगी। 2014 के बाद से लगातार हर चुनाव में भाजपा विजयी रही हैं, उसके बाद से कई भाजपा नेता अध्यक्ष का पद निर्वहन कर चुके हैैं। पिछली बार भाजपा महेंद्र नाथ पांडेय की जगह कुर्मी बिरादरी से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह को अध्यक्ष बनाया था। लेकिन इस बार अध्यक्ष पद पाने वाले लोगों की फेहरिस्त काफी लंबी हैं ।
कुछ सरकार में तो कुछ संगठन में दे चुके हैं सेवा
यूपी में अध्यक्ष पद दौड़ में 15 नाम सबसे आगे चल रहे हैं । जिनमें कुछ संगठन व सरकार में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। यूपी बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर जो नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, बाबूराम निषाद, प्रकाश पाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, शिव प्रताप शुक्ला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई, नरेश अग्रवाल, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर, संजय सिंह, मानवेंद्र सिंह, जफर इस्लाम के नाम शामिल हैं।
आपको बात दे की जफर इस्लाम यूपी से ही बीजेपी के राज्यसभा सांसद के तौर पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं । इनके अध्यक्ष बनने से पीएम मोदी का पसमांदा मुस्लिम को अपनी ओर खींचने का फॉर्मूला भी काम कर सकता हैं । यूपी में मुस्लिम मत 19 प्रतिशत के करीब हैं । जो सपा के पास, अगर पसमांदा मुसलमान बीजेपी की ओर खींच जाता हैं तो वह सपा के आखिरी वोटबैंक को खींचकर भयंकर सियासी चोट दे सकती हैं