2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पक्ष – विपक्ष अपनी – अपनी तैयारी में जुट गई है। इन दिनों विपक्षी एकता की बैठक राजनीति के गलयारो के चौंक में चर्चा का विषय बन गई है हालंकि विपक्ष की बैठक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा था कुछ लोग फोटो खींचा रहे है। लेकिन इस समय विपक्ष आपसी मन – मुटाव को मिटा कर भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ एक जुट होना चाहता है। इस बीच गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से मुलाकात की।
दोनों नेताओ ने शिष्टाचार मुलाकात बताया
समाजवादी पार्टी और गुजरात में कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता वाघेला दोनों ने इसे “शिष्टाचार मुलाकात” बताया। समाजवादी पार्टी नेता और गुजरात में कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता वाघेला दोनो ने इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कोई राजनीतिक बात होगी तो उसके विषय में आपको बतायगे।
नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा था कि वे साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे
वाघेला ने समान नागरिक संहिता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्केटिंग बताया। अखिलेश यादव पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक में शामिल हुए थे जिसका लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनावो के एकता को बढ़ावा देना था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा था कि वे साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जुलाई में विपक्षी दलों की एक और बैठक में चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगाविपक्षी खेमे में सुझाव दिया गया है कि किसी राज्य में सबसे बड़ी और मजबूत पार्टी को लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए।
मुलाकात के राजनीतिक रूप से कई अर्थ
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव की वाघेला से मुलाकात के राजनीतिक रूप से कई अर्थ निकाले जा रहे है। वाघेला ने गुजरात में तीसरी ताकत के साथ प्रयोग किया था और राष्ट्रीय जनता पार्टी और जन विकल्प मोर्चा और प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया था। अस्सी वर्षीय नेता गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता थे और उन्होंने 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।