उत्तर प्रदेश में मदरसों की जांच कई दिनों से की जा रही है। अब मदरसों की जांच का अंतिम चरण चल रहा है। यूपी सरकार ने कई दिनों पहले मदरसों की जांच करने के आदेश दिए थे, सरकार ने जिस भी मकसद की वजह से जांच शुरु करवाई थी। वह अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। तमाम मदरसों को चलाने वाले फंड के सोर्स नहीं मिले है। कई मदरसों का हाल इतना ज्यादा बुरा था कि वहां पर शौचालय तक नहीं थे। ऐसी हालत में जांच करने वाली टीमें एकदम हैरान रह गई कि कैसे ये मदरसें चल रहे है।
87 मदरसे बिना बिना मान्यता प्राप्त चल रहे
बता दे कि बनारस में दो तहसीलों सदर व राजातालाब की जांच अब पूरी हो चुकी है। इनमें 12 मदरसे ऐसे है, जो कि अपने फंड का सोर्स ही नहीं बता पाए। इसके साथ ही 87 मदरसे ऐसे भी है,जो बिना मान्यता प्राप्त के ही चल रहे है। और 10 मदरसों में शौचालय नहीं है। कई मदरसे निजी और सोसाइटी की जमीन पर चलाए जा रहे है। इन सबकी रिपोर्ट जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बना ली है। अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि पिंडरा तहसील की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। वहां की रिपोर्ट आने के बाद इसे डीएम के माध्यम से प्रशासन को भेजा जाएगा।
कई बच्चे मदरसों में सिर्फ दीनी तालीम के लिए जाते
मदरसे में पढ़ने वाले करीब 50 फीसदी छात्रों को दूसरे स्कूलों में भी रजिस्ट्रेशन मिला है। मतलब कि ये बच्चे दोनों जगहों पर पढ़ रहे है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बच्चे सिर्फ मदरसे में दीनी तालीम के लिए जाते है। इसके साथ ही वह अन्य आधुनिक शिक्षा के लिए अन्य संस्थाओं पर जाते है।