नोएडा में अभी तक कोरोना वायरस (कोविड-19) के कुल 64 मामले सामने आ चुके हैं। जिले में कोरोना का पहला मरीज आठ मार्च को मिला था, जिसके बाद अभी तक यहां संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। नोएडा में आठ मार्च को मिले पहले कोरोना मरीज का इलाज दिल्ली में हुआ था। यह व्यक्ति इटली से लौटा था, पर्यटकों के गाइड के तौर पर काम करता है। यह व्यक्ति इटली के कुछ लोगों के साथ भारत आया था।
जिले में कोरोना के इलाज के लिए और संदिग्ध मरीजों को एकांतवास में रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। यहां शारदा अस्पताल में 100 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने चार निजी अस्पतालों में भी वार्ड बनाए हैं। नोएडा में मरीजों या उनके संपर्क में आए लोगों को एकांतवास में रखने के लिए आठ होटलों को भी अधिग्रहित किया है। इन सभी होटलों में वे लोग रह सकते हैं, जिन्हें अस्पताल में नहीं रहना है। लेकिन यहां उन्हें अपने खर्च पर रहना होगा।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 700 बिस्तरों के एकांतवास केंद्रों में मरीजों को रखा जा रहा है। वहीं ग्रेटर नोएडा में 150 बिस्तरों का अतिरिक्त एकांतवास केंद्र भी तैयार किया गया है। शहर के जिम्स और शिशु अस्पताल में मरीजों का इलाज चल रहा है। जिम्स में 20 और शिशु अस्पताल में 30 बिस्तरों के साथ इलाज की सुविधा है। शिशु अस्पताल में 20 सामान्य आइसोलेशन वार्ड हैं।
भारत की ओर से भेजे गए 30 लाख पैरासिटामॉल के पैकेट रविवार को पहुंचेगी ब्रिटेन
नोएडा में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी यहां का दौरा किया था। योगी ने ग्रेटर नोएडा आकर अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। उन्होंने अधिकारियों द्वारा की गई गलतियों के बारे में बताया। वहीं जिलाधिकारी बी. एन. सिंह और उसके बाद सीएमओ डॉ. आर. के. गर्ग पर कार्रवाई करते हुए दोनों को हटा दिया गया था। बता दें जिले में अब तक कुल 1346 लोगों को एकांतवास में रखा गया है। कोरोना के कुल 64 पॉजिटिव मामलों में से 12 मरीज ऐसे हैं, जो ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। वहीं 52 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है।