बच्चे देश का भविष्य होता है ऐसे में बच्चो के बचपन को बचाना बहुत आवश्यकता होती है। उत्तर प्रदेश सरकार सभी 75 जिलों में 5000 में बाल श्रमिक विद्या योजना का विस्तार करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। जिसके पीछे का लक्ष्य राज्य में बाल श्रम को समाप्त करना है।
योजना यूपी के सभी 75 जिलों में लागू की जाएगी
अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल कुमार ने कहा, वर्तमान में, विभिन्न मंडलों के 20 जिलों के बाल श्रमिक इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। मंजूरी मिलते ही यह योजना यूपी के सभी 75 जिलों में लागू की जाएगी, जिससे सभी 75 जिलों के 5,000 बच्चों को योजना से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत, कामकाजी लड़के और लड़कियां 1,000 रुपये और 1200 रुपये मासिक प्राप्त करने के हकदार हैं।
श्रम विभाग ने योजना के तहत 2,000 बच्चों को पंजीकृत करने का लक्ष्य
8 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के योग्य बच्चे, संगठित या असंगठित क्षेत्रों में काम में लगे हुए और अपने परिवार की आय में योगदान करने वाले इस पहल से लाभान्वित हो सकते हैं। कवर किए गए क्षेत्रों में कृषि, गैर-कृषि, स्वरोजगार, घर-आधारित प्रतिष्ठान, घरेलू काम और श्रम के अन्य रूप शामिल हैं। यह योजना यूपी सरकार द्वारा वर्ष 2020 में कोविड काल के दौरान शुरू की गई थी। इसके बाद, श्रम विभाग ने योजना के तहत 2,000 बच्चों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा।
कक्षा 10 उत्तीर्ण करने पर 6000 रुपये
बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत लाभार्थी लड़के और लड़कियों को सालाना 12,000 रुपये और 14,400 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। कामकाजी बालक/बालिका और किशोर/किशोरी योजना के तहत कक्षा 8,9 और 10 तक अपनी शिक्षा जारी रखने वाले लाभार्थियों को कक्षा 8 उत्तीर्ण करने पर 6000 रुपये, कक्षा 9 उत्तीर्ण करने पर 6000 रुपये और कक्षा 10 उत्तीर्ण करने पर 6000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, उनकी निरंतर शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए 6000 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी प्रदान किया जा रहा है।