नारी एक रूप कई स्वरूप माँ ,बहन ,जीवन साथी और दोस्त कई भूमिका को एक साथ निभाना नारी से अच्छा कोई नहीं जनता। नारी सशक्तिकरण पर कई स्तर से बात होती है। महिलाओ के लिए कई योजनाए बनती कोई उन योजनाओ का लाभ ले पता है तो कोई वंचित रह जाता है। लेकिन कुछ महिलाए ऐसी भी जो ऐसी जगह से आई जहा मूलभूत सुविधाओ का अभाव होता है। वो महिलाए महिला सशक्तिकरण की सच्ची परिभाषा होती है।
आदित्यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके 65वें जन्मदिन की बधाई दी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके 65वें जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि वह महिला सशक्तिकरण की मजबूत प्रतीक।
सीएम योगी ने ट्वीट किया,
नारी सशक्तिकरण की सशक्त हस्ताक्षर, मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
भगवान श्री जगन्नाथ जी से आपके आरोग्यपूर्ण एवं सुदीर्घ जीवन की प्रार्थना है।@rashtrapatibhvn pic.twitter.com/KtccHdTsVX
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 20, 2023
“नारी सशक्तिकरण की प्रबल प्रतीक द्रौपदी मुर्मू को जन्मदिन की हार्दिक बधाई! मैं भगवान श्री जगन्नाथ से आपके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं.
शिक्षक से राजनीति में
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में हुआ था। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने 2000 से 2004 तक ओडिशा सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। मुर्मू ने 2022 में भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं और प्रतिभा पाटिल के बाद शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली दूसरी महिला हैं। उनका जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के रायरंगपुर के बैदापोसी क्षेत्र के उपरबेड़ा गांव में हुआ था।
2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल
द्रौपदी मुर्मू ने 2000 से 2009 तक ओडिशा विधान सभा के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल के रूप में कार्य किया और उन्हें राज्य की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने काउंसलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का लंबा सफर तय किया है।