UP : सपा के पत्र पर राजभर बोले, 'हम किसी के गुलाम नहीं - Punjab Kesari
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UP : सपा के पत्र पर राजभर बोले, ‘हम किसी के गुलाम नहीं

यूपी विधानसभा चुनाव के बाद सपा के साथ चल रही तल्खी पर सपा ने आज दो टूक बोल

यूपी विधानसभा चुनाव के बाद सपा के साथ चल रही तल्खी पर सपा ने आज दो टूक बोल दिया।सपा के पत्र में कहा गया कि आपको जहां अधिक सम्मान मिले, आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके जवाब में राजभर ने कहा कि हम किसी के गुलाम नहीं हैं।
अखिलेश यादव पर जमकर साधा  निशाना -राजभर
ओपी राजभर ने आज प्रेसवार्ता कर अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2024 में तो सब साफ हो जाएगा। राजभर ने कहा कि गठबंधन तोड़ने के लिए स्वागत। वो चाहते थे, हम उनके सुर में सुर मिलाएं। हम किसी के सुर में सुर नहीं मिलाते। ओपी राजभर ने कहा कि आजमगढ़ में चौहान को लड़ाने के लिए कहा था। उनके नवरत्न अपना बूथ नहीं जितवा सकते हैं, हमारी बातें उन्हें बुरी लगती थी। आजमगढ़ में हमारी बात नहीं मानी, हम यादव मुसलमान के विरोधी नहीं।कहा कि अखिलेश यादव के तलाक को मैं स्वीकार करता हूं। इस तलाक के पीछे मौलाना संदीप भदौरिया, अरविंद सिंह और नरेश उत्तम पटेल समेत अखिलेश के नौ रत्न हैं। ये वही लोग हैं जो अपना बूथ तक नहीं जिता सकते।
हम किसी के गुलाम नहीं 
राजभर ने कहा कि हम किसी के गुलाम नहीं। अभी केवल 2 लेटर जारी हुए हैं आगे और भी होंगे। ओपी राजभर ने कहा कि सपा में केवल यादव चुनाव लड़ेगा। अति पिछड़ों की बात अखिलेश को बुरी लगी, दलितों, अति पिछड़ों की नहीं सुनी गई।
समाजवादी पार्टी को छोड़कर अब किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करने की बात पर उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति है। सपा तथा बसपा का गठबंधन हुआ। सुभासपा को भाजपा की टीम कहे जाने पर उन्होंने कहा कि भाई जो टीम जीतती है, वही टीम होती है। हारी टीम को बी टीम कहा जाता है।
कहा कि सपा भी बी टीम है और बसपा भी बी टीम है, इसी तरह से हम भी बी टीम है। उन्होंने कहा कि सपा के साथ किसी का भी गठबंधन अधिक दिन नहीं चलता है। बसपा और कांग्रेस इसका उदाहरण हैं। कांग्रेस की क्या गलती थी। बसपा के साथ लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन था, लेकिन अचानक टूट गया।
राजभर ने कहा कि ईश्वर करे कि वो एसी से बाहर न निकलें। वह एसी घर में बने रहने के लिए है। दलितों व वंचितों की लड़ाई उनके बस की नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलूं तो बुरा है लेकिन वो या उनके पिता मुलायम सिंह मिलें तो अच्छा है। मैं जिससे चाहता हूं उससे मिलता हूं। मेरे संबंधों पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। अगर कोई सोचे कि मैं वही करूं जो वो कहे तो ये नहीं हो सकता। मैं किसी का गुलाम नहीं हूं।

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