मतदान लोकतंत्र के त्योहार का हिस्सा है। मतदान के दिन उम्मीदवार को जितनी उत्सुकता होती है उससे अधिक उत्सुक मतदाता होता है। इस दिन अधिकतर मतदाता राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखते है। जब बात हो निकाय चुनाव तो लोग इनमे ज्यादा रूचि दिखाते है। क्योकि इन चुनाव में उम्मीदवार ज्यादातर वो होते है जिनकी जनता में पहुंच ज्यादा होती है या फिर ये कहे इन चुनावो में राजनीतिक दल से ज्यादा प्रत्याशी का चेहरा अधिक महत्वपूर्ण होता है।हर मत की कीमत सामान होती है चाहे वो किसी राजनेता का हो या आम जनता का।
मतदान करता है लोकतंत्र को मजबूत
भारतीय जनता पार्टी की नेता अपर्णा यादव ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के नगर निगम चुनाव के पहले चरण में लखनऊ में अपना वोट डाल पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा नेता ने कहा, “मतदान लोकतंत्र के लिए एक त्योहार है जो हर व्यक्ति को वोट डालने का अधिकार देता है और लोकतंत्र को मजबूत करता है।मैं सभी से यूपी नगर निगम चुनाव 2023 में अपना वोट डालने का आग्रह करती हूं।” नौ मंडलों और 10 नगर निगमों के 37 जिलों में मतदान शुरू हो गया है। 10 नगर निगमों में 830 वार्डों में मतदान होगा, नगर निगमों में 9,699 मतदान केंद्र और 2,658 मतदान केंद्र बनाए गए है।
नगर निगम चुनाव के पहले चरण का मतदान
नगर निगम चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ। सबसे पहले वोट डालने वालों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शामिल हैं।
दूसरी ओर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को अपना वोट डाला और पार्टी के लिए जनता से “अच्छी प्रतिक्रिया” मिलने की उम्मीद जताई।
बसपा सुप्रीमो ने कहा पार्टी चुनाव अकेले लड़ रही
बसपा सुप्रीमो ने संवाददाताओं से कहा, “हमारी पार्टी किसी अन्य पार्टी के समर्थन के बिना यह चुनाव अकेले लड़ रही है। हमें उम्मीद है कि हमारी पार्टी को अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी और हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।” राज्य में 760 स्थानीय निकायों के पदों के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव करने के लिए दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होगा। मतगणना 13 मई को होगी।