GST फ्रॉड से यूपी सरकार की बढ़ी मुश्लिलें, नोएडा में 3 साल में फर्जीवाड़े के दोगुने मामले - Punjab Kesari
Girl in a jacket

GST फ्रॉड से यूपी सरकार की बढ़ी मुश्लिलें, नोएडा में 3 साल में फर्जीवाड़े के दोगुने मामले

बीते दिनों जीएसटी विभाग ने नोएडा, गाजियाबाद समेत कई जगहों पर जबरदस्त छापेमारी की और कई करोड़ रुपए

बीते दिनों जीएसटी विभाग ने नोएडा, गाजियाबाद समेत कई जगहों पर जबरदस्त छापेमारी की और कई करोड़ रुपए के जेसी घोटालों को पकड़ा, साथ ही विभाग ने कई करोड़ों का जुर्माना भी लगाया। बीते दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश के 71 जि़लों में कुल 248 स्टेट जीएसटी टीमें व्यापारियों पर छापेमारी करती रही। फर्मों की डेटा एनालिसिस और इंटेलिजेंस आधारित सूचना के आधार पर कार्यवाही की गई। नोएडा में भी 10 टीम में संयोजित 40 अधिकारियों द्वारा एक साथ व्यापारियों पर रेड की कार्यवाही की गई थी। नोएडा में दादरी, बरोला, उद्योग केंद्र ग्रेटर नोएडा और जेवर में जांच हुई थी। टैक्स चोरी कर राजस्व को हानि पहुंचाने की शिकायत पर स्टेट जीएसटी की नोएडा समेत पूरे यूपी में बड़ी कार्यवाही की थी। छापेमारी में कई करोड़ से ज्यादा का माल सीज किया गया है। साथ ही करोड़ों का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही जीएसटी टीम ने कई व्यापारियों से उनके पेपर जब्त किए थे।
कोरोना संकट  के समय फर्जीवाड़े के मामलों में हुई बढ़ोतरी
नोएडा में कोरोना संकट के दौरान फर्जीवाड़े के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले 3 साल में जीएसटी का फर्जीवाड़ा 2 गुना तक बढ़ गया है। 3 सालों में जीएसटी चोरी के 291 मामलों में करोड़ों रुपए की हेराफेरी का पता चला है। जिसमें 75.82 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है। राज्य कर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर चोरी के 66 मामलों में 18.04 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 91 मामलों में 11.56 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। वहीं 2022-23 में राज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा ने 134 कर चोरी के मामले पकड़े, जिनमें 45.72 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। साल 2020 के बाद अब तक साल दर साल चोरी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
 नकली टैक्स इनवॉइस क्या है जनिए
जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि नकली टैक्स इन्वॉयस किसी नकली नोट की तरह होता है जो समाज के लिए खतरनाक है। नकली टैक्स इनवॉइस से आप अपनी वैध लायबिलिटी को खत्म कर देते हैं। टैक्स इनवॉइस एक करेंसी नोट की तरह है अगर यह नकली है तो दिक्कत पैदा करेगा और सरकार के राजस्व को नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि जो सेक्टर अनऑगेर्नाइज्ड हैं और इनफॉर्मल हैं उनमें ही सबसे ज्यादा इस तरह की गड़बड़ियां देखने को मिलती है। क्योंकि वहां पर कोई प्रॉपर सिस्टम नहीं होता है जैसा बड़ी कंपनियों के पास होता है। बड़ी कंपनियों के पास प्रॉपर अकाउंटिंग सिस्टम है प्रॉपर मैनेजमेंट होता है और वह सारी व्यवस्था होती है जो इस तरीके की गड़बड़ियां नहीं होने देती हैं।
1682229100 fgsn
पान मसाले और होलसेलर  की कंपनी  में गड़बड़ी देखने को मिली है
लेकिन जो अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर्स या कंपनियां हैं उनमें ज्यादातर यह आसानी से की जा सकती है क्योंकि वहां पर कोई प्रॉपर अकाउंटिंग सिस्टम नहीं होता है। ऐसे में बड़ी-बड़ी स्क्रैप कंपनियां, स्टील और लोहा, पान मसाले की कंपनियां, बड़े-बड़े सामान के होलसेलर आदि कंपनी में इस तरीके की गड़बड़ी देखने को मिलती है।
इसी फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए अब स्मार्ट टूल्स, ऐप आ गए हैं। जिनके जरिए विभाग इन गड़बड़ियों को आसानी से पकड़ लेता है। साथ-साथ विभाग के फील्ड ऑफिसर भी ऐसी गड़बड़ियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। कई बार बड़े नेटवर्क में इंफॉर्मेशन को डिकोड करना मैनुअली काफी चैलेंजिंग होता है लेकिन अगर आप सॉफ्टवेयर या ऐप के जरिए उसे डिकोड करेंगे तो काफी आसानी से वह आपके सामने आ जाएगा। अगर आपको 4 या 5 स्टेप इसके पीछे जाकर उस गड़बड़ी के सोर्स को ढूंढना है तो सिस्टम और ऐप के जरिए यह काफी आसान होता है, मैनुअली इसे पकड़ पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
1682229160 hghnmr
जीएसटी की चोरी कंपनियां  कैसे करती है जानें
जीएसटी की चोरी कंपनियां तब कर पाती है जब वह सामान बेचती है और उसका बिल नहीं देती। आम आदमी भी इन चोरियों को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकता है। आप जो भी सामान जहां से भी खरीदें उसका बिल जरूर लें। जब आप बिल नहीं लेते हैं तो उनके पास एक मार्जिन होता है। वह आपको सामान तो भेज देते हैं लेकिन उनके स्टॉक में वह सामान मौजूद दिखाता है। इसके चलते वह आसानी से उतनी ही मूल्य का टैक्स इनवॉइस जनरेट कर किसी को भी दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपने 10,000 रूपए का कोई सामान खरीदा और उसका बिल नहीं लिया तो वह सामान तो दुकानदार ने भेज दिया लेकिन उसके अकाउंट में वह 10,000 का सामान अभी भी मौजूद दिखाएगा, जिसका बेनिफिट वह किसी को भी दूसरा वॉइस बनाकर दे सकता है। बोगस फॉर्म बनाकर जीएसटी की चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फर्जी पते और दस्तावेज के आधार पर जीएसटी पंजीयन कराकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। पिछले 3 सालों के आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं। साल 2020-21 में 22, 2021-22 में 27 और 2022-23 में 58 बोगस फर्मों का खुलासा हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।