यूपी का बजट अगले 25 साल का रोडमैप तैयार करेगा : सीएम योगी - Punjab Kesari
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यूपी का बजट अगले 25 साल का रोडमैप तैयार करेगा : सीएम योगी

यूपी विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया

उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के तिलक हॉल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजट की खूबियां गिनाईं। उन्होंने इस बजट की थीम ‘वंचित को वरीयता’ को बताया जो ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की अवधारणा के अनुरूप गरीब, किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के 5टी – ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन और टैलेंट – को मंत्र मानकर नया उत्तर प्रदेश आज श्रम शक्ति से अर्थ शक्ति के रूप में पहचाना जा रहा है। उत्तर प्रदेश आज ‘बीमारू’ राज्य से ऊपर उठकर रेवेन्यू सरप्लस राज्य बन चुका है।

भाजपा का यूपी में 9वां बजट पेश

उन्होंने कहा कि देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य ने देश के सभी राज्यों में अब तक का सबसे बड़ा बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश का यह 9वां बजट है। पिछले 8 साल में सरकार ने जो भी राज्य के लिए किया है, उसके अच्छे परिणाम हमें देखने को मिले हैं। यह बजट हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह संविधान के लागू होने का अमृत महोत्सव वर्ष भी है। साथ ही साथ उत्तर प्रदेश की स्थापना का भी अमृत वर्ष है। ये दोनों कार्य जनवरी 1950 में हुए थे। 75 साल के शानदार इतिहास के साथ ही आगामी 25 साल की कार्ययोजना का रोडमैप तैयार करने के लिए यह बजट महत्वपूर्ण है।

लखनऊ में भीम राव अंबेडकर की स्मारक

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के नाम पर लखनऊ में स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना कर रही है। इसके अलावा प्रत्येक जनपद में 100 एकड़ में पीपीपी मॉडल पर सरदार पटेल जनपदीय आर्थिक क्षेत्र स्थापित किया जाएगा। पीपीपी मोड पर 10 संत कबीर वस्त्रोद्योग पार्क तथा 2 संत रविदास चर्मोद्योग पार्क स्थापित किए जाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके सम्मान में नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि यूपी में कृषि विभाग की स्थापना के 150 वर्ष को बीज वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। लखनऊ स्थित अटारी कृषि प्रक्षेत्र पर 251 करोड़ रुपये की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के सम्मान में एक सीड पार्क की स्थापना की जाएगी।

माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालय

प्रत्येक कृषि मंडी में माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालय स्थापित किए जाएंगे। यहां सब्सिडाइज्ड दरों पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी छात्राओं को प्रात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान करने की नई योजना ‘रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना’ के लिए 400 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार सात जनपदों वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी, आगरा में माता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर श्रमजीवी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण होगा। सीएम योगी ने बताया कि सरकार ने 2017-18 से अब तक हर वर्ष अलग-अलग वर्गों को समर्पित बजट प्रस्तुत किया है। वर्ष 2017-18 का बजट अन्नदाता किसानों को, 2018-19 का इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास को, 2019-20 का महिला सशक्तीकरण को और 2020-21 का बजट युवाओं और रोजगार सृजन को समर्पित था।

बजट की थीम ‘वंचित को वरीयता’

वर्ष 2021-22 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण, 2022-23 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता, 2023-24 का बजट त्वरित और समावेशी विकास और 2024-25 का बजट रामराज्य और पर्यटन को समर्पित किया गया था। इसी प्रकार 2025-26 का बजट ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की अवधारणा के तहत ‘वंचित को वरीयता’ की मूल भावना पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह बजट राज्य के सामर्थ्य और ‘डबल इंजन सरकार’ की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है। इसमें 2,25,561.49 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर धनराशि व्यय होगी, जिससे अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। साल 2017-18 में प्रदेश की जीडीपी 12,89,000 करोड़ रुपये थी जो 2024-25 में बढ़कर 27,51,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। तीन साल वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद यह उपलब्धि है।

यूपी की अर्थव्यवस्था आज दूसरे स्थान पर

सीएम योगी ने कहा कि साल 2016-17 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठे स्थान पर थी, आज यह दूसरे स्थान पर है। इसके लिए हमने रेवेन्यू लीकेज को खत्म किया, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। प्रदेश के अंदर राजस्व प्राप्ति के नए साधन उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि बजट में कुल राजकोषीय घाटा जीडीपी के तीन फीसदी से कम 2.9 फीसदी है। यह राज्य सरकार के व्यवस्थित वित्तीय प्रबंधन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। नीति आयोग द्वारा राज्यों के राजकोषीय घाटे के संबंध में यूपी को फ्रंट रनर की श्रेणी में रखा गया है। प्रदेश के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में बढ़ोत्तरी हुई है। पूंजीगत व्यय 1.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के बीच रहा है। देश के राज्यों के औसत अनुपात से यूपी का अनुपात अधिक रहा है।

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