उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के संग्रामपुर गांव में पाकिस्तान से आए दो हिंदू परिवारों के 15 सदस्यों की पुलिस ने ठहरा दिया। उन्हें पंचायत भवन में रहने की अनुमति दी गई। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि 4 अगस्त को ये 15 लोग ट्रेन से दिल्ली पहुंचे और नौकरी की तलाश में चित्रकूट आए। यह लोग कुछ स्थानीय अखाड़ों की मदद से आए हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह लोग काम और रहने के स्थान की तलाश में आए हैं। इनके पास मिले सारे कागजात की जांच गहनता से की जा रही है। यह दो परिवारों के सदस्य हैं। एक ग्रुप पिछले साल अक्तूबर में और दूसरा ग्रुप इस साल मई में आया है।
15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई
एक ग्रुप का वीजा एक्सपायर कर चुका है। दूसरे ग्रुप का होने वाला है। इन्होंने लॉन्ग टर्म वीजा अप्लाई करने की बात कही है। जांच-पड़ताल के बाद संग्रामपुर गांव के पंचायत भवन में ठहराया गया है और सुरक्षा की दृष्टि से पंचायत भवन के दोनों दरवाजों में 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
भारतीय उच्चायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया
मामले की पूरी जानकारी लखनऊ को भी दी गई है। सदस्यों का कहना है कि पाकिस्तान में रोजगार का संकट और महंगाई के कारण वीजा लेकर भारत आए हैं। पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू परिवार भारत में बसना चाहते हैं, उन्होंने अपने वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है।
माइंस में रिश्तेदारों के यहां रुके थे
एएसपी ने बताया कि दोनों हिन्दू परिवार पाकिस्तान के कराची स्थित खैरपुर गांव के रहने वाले हैं। पाकिस्तानी नागरिक राकेश कुमार और संतोष कुमार ने बताया कि बेरोजगारी और महंगाई के चलते वे अलग-अलग माहों में वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आए हैं। वे कुछ दिनों तक दिल्ली स्थित भाटी माइंस में रिश्तेदारों के यहां रुके थे।