उत्तर प्रदेश के काशी में वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा नमो घाट पर प्रवेश शुल्क लगाने का आदेश सोशल मीडिया पर विरोध के बाद वापस ले लिया गया है। वाराणसी स्मार्ट सिटी जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन ने बुधवार को बताया कि नमो घाट पर मंगलवार शाम चार बजे से 10 रुपये का प्रवेश शुल्क लगाया गया था, जिसे आज उच्चाधिकारियों के निर्देश पर वापस ले लिया गया है।
इस वजह से लगाया था प्रवेश शुल्क
उन्होंने कहा कि यह प्रवेश शुल्क अराजक तत्वों को घाट से दूर रखने और घाट के रख-रखाव के खर्चे के लिए निर्धारित किया गया था। नमो घाट पर प्रवेश शुल्क लगाने पर विपक्षी दलों ने भी आपत्ति जताई थी।
काशी की जनता आपको जरूर जवाब देगी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अजय राय ने ट्वीट किया है, ”प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के घाटों और पार्कों में जाने पर अब लगेगा टैक्स! वाह पीएम मोदी वाह..पूरे देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद अब आस्था का व्यवसायीकरण .. तुमने वो काम किया जो काशी में कभी नहीं हुआ.. काशी की जनता आपको जवाब जरूर देगी।’
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता मनोज राय ने कहा, ”सरकार के इस फैसले से अब उनके बच्चों को गंगा मां से मिलने की कीमत चुकानी पड़ेगी। यह मुगल काल में जजिया टैक्स जैसा है। अब लोग नहीं कर पाएंगे। धार्मिक कार्यों की कोई कीमत चुकाए बिना मां गंगा के दर्शन करें। काशी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। समाजवादी पार्टी इसका विरोध करेगी।”