हाल ही में हुए यूपी विधानसभा चुनावों मे बीजेपी ने 403 विधानसभा सीटों में से 273 पर जीती थी। और मुख्य विपक्षी पार्टी यानी सपा नें 128 सीटें जीती थी। जिसमें से एक विधानसभा सीट थी जसवंत नगर जहां सपा ने प्रचंड जीत दर्ज की थी। वहां से सपा के उम्मीदवार थे। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव जो इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं।
हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात के बाद अटकलें चल रही थी कि जल्द वह बीजेपी शामिल हो सकते हैं, इन अटकलों को फिर से हवा तब मिल गई। जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को फॉलो करना शुरू कर दिया। बता दें कि पहले मात्र 12 लोगों को शिवपाल फॉलो करते थे। जिसमें अखिलेश यादव व राहुल गांधी भी शामिल थे।
शिवपाल ने बीते दिनों बीजेपी के दिग्गजों से की मुलाकात
शिवपाल सिंह यादव के इस कदम से एक बार फिर से राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इससे पहले, चर्चा थी कि शिवपाल यादव ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुकाकात की थी, उसके बाद शिवपाल यादव बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। सूत्रों के मुताबिक इटावा से दिल्ली जाने के दौरान शिवपाल ने पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी
वक्त आने पर करेंगे खुलासा: शिवपाल यादव
विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उन्होंने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया था। यह भी कहा कि वक्त आने पर बोलेंगे। शिवपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट हुई है। भविष्य के फैसले पर कहा कि वक्त आने पर इसका खुलासा करेंगे। शिवपाल के इस रहस्यमयी बयान से सियासी हलके में चर्चा का दौर शुरू हो गया।
शिवपाल के जाने से मुलायम परिवार की पीढ़ी की सियासत हो जाएगी खत्म
मुलायम सिंह के भाई प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव कभी भी बीजेपी में आ सकते हैं। अखिलेश के परिवार वाले ही अखिलेश का साथ लगातार छोड़ते नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव की इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हो चुकी हैं। बता दें कि शिवपाल के जाते ही मुलायम परिवार की पीढ़ी की सियासत सपा से खत्म हो जाएगी।
विधायक दल की बैठक में ना बुलाए जाने से नाराज हुए शिवपाल
दरअसल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीते शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। बैठक में सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति बनानी थी, लेकिन इससे पहले सपा में एक बार फिर अंदरुनी झगड़े की आहट सुनाई देनी लगी। अखिलेश यादव ने एक बार फिर चाचा शिवपाल यादव को बड़ा झटका देते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।