घाटों को उनकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार ने की कवायद तेज, अब पौराणिक महत्व को जानेगा विश्व - Punjab Kesari
Girl in a jacket

घाटों को उनकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार ने की कवायद तेज, अब पौराणिक महत्व को जानेगा विश्व

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सभी 84 घाटों को उनकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सभी 84 घाटों को उनकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार ने कवायद तेज की है। सरकार सभी घाटों के किनारे स्टेप साइनेज लगाकर पर्यटकों को इनके पौराणिक और ऐतिहासिक महत्वों की सटीक व सही जानकारी देने जा रही है। यह न सिर्फ पर्यटकों की ज्ञान पिपासा को शांत करने की कवायद मानी जा रही है बल्कि काशी के घाटों को विश्वफलक पर चमकाने के प्रयास भी माना जा रहा है। साइनेज पर दी जाने वाली यह जानकारी हिन्दी व अंग्रेजी के साथ देववाणी संस्कृत में भी होगी।
काशी में मां गंगा के गले के हार के रूप में 84 घाट पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। पूरे विश्व से पर्यटक इन घाटों के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को जानने के लिए काशी आते है। कभी-कभी पर्यटकों को घाटों के संबंध में सही जानकारी नहीं मिल पाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। योगी सरकार सभी घाटों पर उसके पौराणिक महत्व की सही जानकारी देने वाली है। यूपी सरकार घाटों पर स्टेप साइनेज लगवा रही है। जिनसे पर्यटकों को घाटों की संपूर्ण व सटीक जानकारी मिलेगी।
वाराणसी के हर एक घाट अपने अंदर कई गूढ़ रहस्य समेटे हुए है। जिसे समझ पाना आसान नहीं होता है। सभी घाटों की अपनी अलग-अलग धार्मिक-ऐतिहासिक विशेषता है। घाटों पर अलग-अलग धार्मिक आयोजन होते हैं। अब इन जानकारियों के लिए पर्यटकों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। हर घाटों की सम्पूर्ण जानकारी घाटों पर लगे स्टेप साइनेज देंगे। इन घाटों के महत्व को तीन भाषा में इस कारण समेटा गया है कि यहां हिन्दी भाषी इसे हिन्दी में जान सकंगे।
बनारस में संस्कृत का अपना एक महत्व है। आने वाले विदेशी पर्यटकों को अंग्रेजी में घाटों की जानकारी हो इसलिए स्टेप साइनेज अंग्रेजी में भी लिखा जा रहा है। हर घाट पर अलग-अलग भाषाओं में जानकारी दी जाएगी। चुनार के पत्थर से बने ये साइनेज देखने में बिल्कुल घाटों की सीढ़ियों की तरह ही लगेंगे और आप को घाटों के संबंध में जानकारी देते हुए स्टेप बाई स्टेप इनके महत्व के बारे में ज्ञान की ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
स्मार्ट सिटी के जीएम डी.वासुदेवन ने बताया, ” इस साइनेज में मुख्यत: घाटों के पौराणिक महत्व व इतिहास के बारे में लिखा होगा। एक घाट पर जरुरत के मुताबिक करीब तीन से पांच स्टेप साइनेज लगेंगे। किस घाट को किसने बनवाया अथवा पुन:र्निर्माण करवाया यह सारी जानकारियां होंगी। इतना ही नहीं, घाट से संबंधित यदि कोई मंदिर है, तो उसके धार्मिक महत्व व इतिहास की जानकारी भी स्टेप साइनेज पर उकेरी जाएगी। ”
उन्होंने कहा, ” घाट का पुराना नाम कहीं वर्णित है, तो उसकी भी जानकारी दी जाएगी। घाट और उनसे सम्बंधित धरोहर व मंदिर के नाम क्यों, कब व किसने बदला, इसकी जानकारी भी मिलेगी। अंतर राष्ट्रीय पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए यह साइनेज हिंदी, अंग्रेजी संस्कृत भाषा में होंगे। ”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।