उत्तर प्रदेश में किसानों को उपज का मिल रहा है वाजिब मूल्य - Punjab Kesari
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उत्तर प्रदेश में किसानों को उपज का मिल रहा है वाजिब मूल्य

किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 20 रूपये प्रति कुन्तल के हिसाब से छनाई, सफाई के मद में

उत्तर प्रदेश सरकार खेती किसानी के लिए विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही किसानों के उत्पाद का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के साथ ही कृषि क्षेत्र खासतौर से गाँव के विकास के लिए कटिबद्ध है। सरकार का यह मानना है कि गाँव के विकास के लिए कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक स्वरोजगार पैदा हो। किसानों को खुशहाल बनाकर ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। 
सरकार गन्ना, गेहूँ धान तथा आलू के समर्थन मूल्य घोषित करके किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने का भी कार्य कर रही है। 
उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गेहूँ का समर्थन मूल्य घोषित करने के साथ ही गेहूँ क्रय नीति जारी की गयी और रबी विपणन वर्ष 2019-20 में 6796 क्रय केन्द्रों के माध्यम से गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 प्रति कुन्तल की दर से 753145 किसानों से 37.02 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद करते हुए रू0 6885.99 करोड़ रूपये 72 घण्टे के अन्दर कृषकों को आरटीजीएस के माध्यम से उनके खातों में भुगतान कराया गया। 
प्रदेश में गत रबी विपणन वर्ष 2018-19 में 52.92 लाख मीट्रक टन गेहूँ खरीद की गई। इस वर्ष गेहूँ खरीद में खाद्य विभाग के पोर्टल पर किसान खतौनी एवं बैंक खाता के आधार पर पंजीकरण कराया गया तथा पंजीकृत किसानों से से ऑनलाइन खरीद की गयी। बिचैलियों तथा दलालों को चिन्हित करने के उद्देश्य से 100 कुंतल से अधिक विक्रय करने वाले किसानों का राजस्व विभाग के भू-लेख पोर्टल के माध्यम से सत्यापन कराया गया, ताकि वास्तविक किसानों से ही क्रय किया जाये। 
प्रदेश सरकार ने क्रय केन्द्रों पर गेहूँ विक्रय करने वाले समस्त कृषकों को उतराई, सफाई एवं छनाई के मद में 20 रूपया प्रति कुंतल राज्य सरकार द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से समर्थन मूल्य के अतिरिक्त भुगतान किया है। किसानों की समस्या के लिये खोले गये कॉलसेन्टर 1800-1800-150 पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध रूप से कराया गया। 
खरीफ क्रय वर्ष 2018-19 में मूल्य समर्थन योजना के तहत सूबे की सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के लिए समर्थन मूल्य योजना के तहत सामान्य प्रजाति का धान 1750 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए के धान का मूल्य 1770 रुपये प्रति कुंतल की निर्धारित दर से किसानों से धान की खरीद करते हुए इस बार पूर्व का रिकार्ड तोडते हुए 4.77 लाख मीट्रिक टन अधिक धान की खरीददारी की गयी। गत वर्ष प्रदेश में अधिकतम 43.43 लाख मीट्रिक टन धान खरीद हुई थी जबकि इस वर्ष 48.20 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। खरीफ वर्ष 2018-19 में मूल्य समर्थन योजना के तहत 28 फरवरी, 2019 तक हुई धान खरीद में 683034 किसानों से धान क्रय करते हुए किसानों को 8537.77 करोड़ रूपये का भुगतान आनलाइन किया जा चुका है। 
उन्होंने बताया कि इस वर्ष धान खरीद में लघु, सीमान्त कृषकों पर विशेष ध्यान दिया गया है। उनके धान की खरीद के लिए सप्ताह में दो दिन आरक्षित रखे गये। हाईब्रिड धान की खरीद में आने वाली समस्याओं के दृष्टिगत चावल की रिकवरी में तीन प्रतिशत की छूट दी गयी, जिसका खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 20 रूपये प्रति कुन्तल के हिसाब से छनाई, सफाई के मद में राजकोष से अतिरिक्त दिये गये।

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