राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता बहाली के बाद अब वो चुनाव लड़ सकते हैं। जिसके लिए वो 2024 के मिशन के लिए तैयारियों में भी जुट चुके हैं। उत्तर-प्रदेश जहां लोकसभा की सबसे ज़्यादा सीटें हैं। वहाँ की सीटों को भी हथियाने में सभी पार्टियां कई पैतरे आजमा रही है। बता दें की उत्तर-प्रदेश का अमेठी का लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है। क्योंकि साल 2019 से पहले राहुल गांधी अमेठी से सांसद थे। और साल 2019 में इसी लोकसभा सीट से लड़कर स्मृति ईरानी यहां से सांसद बनी थी।
अमेठी से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी
हाल ही में उत्तर-प्रदेश के नए कांग्रेस अध्यक्ष का नाम सामने आया है, जो की अजय राय है। अजय राय ने 18 अगस्त के दिन ये दावा किया है की वायनाड के सांसद 2024 में अमेठी की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। नेहरू-गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर एक बार फिर राहुल गांधी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इस सीट से गांधी परिवार को सिर्फ दो बार ही हार का सामना करना पड़ा था। पहली बार तब जब संजय गांधी के उम्मीदवार रवींद्र प्रताप सिंह इस सीट से हार गए थे। और दूसरी बार तब जब राहुल गांधी स्मृति ईरानी से इस सीट पर हार गए थे।
राहुल गांधी ने बनाई रखी गांधी परिवार की परम्परा
राहुल गांधी ने जब पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था तब वो इस सीट से पहली बार सांसद बने थे। अगर स्मृति ईरानी की बात की जाए तो उन्होंने इस क्षेत्र में काफी मजबूती भी दिखाई है। और अमेठी की लोकसभा सीट से स्मृति ईरानी हमेशा ही केंद्र और राज्य सरकार का बखान करते हुए नज़र आयी है। साल 2019 में यहां से हार के बाद भी राहुल गांधी ने अमेठी का तीन बार दौरा किया था। हार के बावजूद राहुल गांधी ने अमेठी पर अपनी स्पष्ट भूमिका दिखाई खासकर तब जब कोरोना महामारी के बीच उन्होंने यहां के लोगों के बीच सुविधाएं उपलब्ध कराई थी।