सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अवैध धर्म परिवर्तन रैकेट मामले से संबंधित मामले में आरोपी अब्दुल्ला उमर को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने अब्दुल्ला उमर को यह कहते हुए जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया, कि उसे आगे हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस मामले में आरोप तय हो चुके हैं।
जानिए अदालत ने क्या रखी शर्तें
अदालत ने उनके खिलाफ कई शर्तें लगाईं, जिनमें जांच एजेंसी को अपना मोबाइल फोन नंबर प्रदान करना, उसके अलावा किसी अन्य मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना और चौबीसों घंटे लाइव लोकेशन चालू रखना शामिल था। अदालत ने उन्हें बिना अनुमति के दिल्ली नहीं छोड़ने और अदालती कार्यवाही में भाग लेने के अलावा और जब भी जांच एजेंसी किसी जांच के लिए बुलाए, उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह हर तीसरे दिन नोएडा पुलिस के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। अदालत ने यह भी शर्तें लगाईं कि वह बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे और यदि उनके पास कोई पासपोर्ट है तो उसे जमा कर देंगे।
धर्म परिवर्तन रैकेट मामले में किया था गिरफ्तार
अब्दुल्ला उमर ने अवैध सामूहिक धर्मांतरण से जुड़े मामले में 16 दिसंबर, 2022 के इलाहाबाद हाई कोर्ट को आदेश को लखनऊ पीठ में चुनौती दी है। मौलाना उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला उमर को नवंबर 2021 में धर्म परिवर्तन रैकेट मामले में गिरफ्तार किया गया था।