भारत की प्रतीकात्मक पृष्ठभूमि में पत्थर से बनी भारत माता की प्रतिमा, महारानी अहिल्याबाई होल्कर और संत आदि शंकराचार्य की प्रतिमाओं को काशी विश्वनाथ धाम के विशाल परिसर में स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ घंटे बाद ही महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना के पहले चरण का सोमवार को उद्घाटन करेंगे। इससे प्राचीन शहर में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
काशी विश्वनाथ गलियारे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुबह करीब 10 बजकर 45 मिनट पर ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कुछ देर पहले वाराणसी पहुंच गए हैं।’’ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। इस भव्य गलियारे की नींव आठ मार्च 2019 को रखी गई थी, जो एक गलियारे के माध्यम से मुख्य मंदिर को ललिता घाट से जोड़ता है। इसकी चार दिशाओं में विरासत वास्तुकला शैली में भव्य प्रवेश द्वार और सजावटी मेहराब बनाए गए हैं। इस गलियारे को अब काशी विश्वनाथ धाम कहा जाता है।
PM @narendramodi prayed at the Kaal Bhairav Temple in Kashi.
He will now join the programme to mark the inauguration of the Shri Kashi Vishwanath Dham. pic.twitter.com/I5LEFlUVmM
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2021
वाराणसी के जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने रविवार को कहा, ‘‘ प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी, घाट की ओर से काशी विश्वनाथ धाम में दाखिल होंगे और गलियारे का उद्घाटन करेंगे। वह नए गलियारे के परिसरों का दौरा करेंगे और वहां की इमारतों को देखेंगे। यह आयोजन देश के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में आए संतों की उपस्थिति में होगा…।’’
गलियारों के प्रांगण में लगाए गए महारानी अहिल्याबाई के बड़े-बड़े पोस्टर
मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 के आसपास करवाया था और 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने इसका सोने का ‘शिखर’ बनवाया। इस अवसर पर होल्कर की रानी को श्रद्धांजलि देने के लिए गलियारों के प्रांगण में महारानी अहिल्याबाई के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। नई गलियारा परियोजना का हिस्सा, बनारस गलियारे के भीतर अहिल्याबाई का एक विशाल भित्ति चित्र है, जबकि घाट से निकलने वाले गलियारे के मार्ग के दाईं ओर, रानी की बैठी हुई मुद्रा में एक प्रतिमा स्थापित की गई है।
गलियारे में लगाई गयी आदियोगी शंकराचार्य और भारत माता की प्रतिमा
अहिल्याबाई की प्रतिमा के पास ही संत आदि शंकराचार्य की प्रतिमा लगाई गई है। विशाल गलियारे में अब भारत माता की एक पत्थर की मूर्ति भी है, जिस पर नक्काशी की गई है और एक तिरंगा भी लगा है। भारत के मानचित्र को धातु की सतह पर चित्रित किया गया है, जिस पर देश की कला और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है।
‘दिव्य काशी भव्य काशी’ कार्यक्रम से पूर्व दुल्हन की तरह सजा काशी
प्रधानमंत्री मोदी के 2014 से निर्वाचन क्षेत्र रहे इस शहर को ‘दिव्य काशी भव्य काशी’ कार्यक्रम से पहले भव्य रूप से सजाया गया है, खासकर गोदौलिया चौक और उसके आसपास पवित्र स्थल की ओर जाने वाली सड़कों को …। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बावजूद इस परियोजना का काम तय समय पर पूरा हुआ है।