SP सदस्य की मांग : बुंदेलखंड के किसानों को दी जाए 3000 रुपये प्रति माह पेंशन - Punjab Kesari
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SP सदस्य की मांग : बुंदेलखंड के किसानों को दी जाए 3000 रुपये प्रति माह पेंशन

बुन्देलखंड में सूखे की वजह से किसानों की हालत चिंताजनक होने का उल्लेख करते हुए समाजवादी पार्टी के

बुन्देलखंड में सूखे की वजह से किसानों की हालत चिंताजनक होने का उल्लेख करते हुए समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने मंगलवार को राज्यसभा में इन किसानों को प्रति माह 3000 रुपये बतौर पेंशन दिए जाने की मांग की। 
सपा के विशंभर प्रसाद निषाद ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा ‘‘लगातार सूखे से बुंदेलखंड के किसान परेशान हैं। खेती बारिश पर आधारित है और बारिश नहीं हो रही है। अंचल में परेशान किसान पलायन कर रहे हैं। कुछ किसानों ने आत्महत्या कर ली। इन किसानों को प्रति माह 3000 रुपये बतौर पेंशन दिए जाने चाहिए।’’ 
उन्होंने कहा ‘‘एक और समस्या है। पशुओं से फसलों को गंभीर नुकसान हो रहा है। ये पशु खेतों में घुस कर फसलें नष्ट कर देते हैं। इस तरह फसलों के नुकसान को फसल बीमा के दायरे में लाया जाना चाहिए। ’’ विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। 
शून्यकाल में ही भाजपा के सत्यनारायण जटिया ने कहा कि राजमार्गों के साथ साथ सर्विस लेन भी बनाई जानी चाहिए। 
यह मुद्दा उठाते हुए जटिया ने कहा कि सड़कें कितनी भी अच्छी क्यों न हों, सुरक्षा के लिए कदम उठाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजमार्गों के साथ साथ सर्विस लेन भी बनाई जानी चाहिए और पथकर संग्रह स्थलों पर एंबुलेन्स की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि हादसे होने पर समय रहते एंबुलेन्स उपलब्ध हो सकें। 
जटिया ने सड़कों के किनारे पौधारोपण किए जाने की मांग भी की। 
इसी पार्टी की सरोज पांडेय ने योग को अनिवार्य शिक्षा का हिस्सा बनाए जाने की मांग की। 
उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा ‘‘अगर कम उम्र में बच्चे योग सीखेंगे तो न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा बल्कि वह आज के व्यस्तता भरे दौर के तनाव से भी निपट पाएंगे।’’ 
तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुंइयां ने पश्चिम बंगाल के खड़कपुर में व्याप्त पेयजल संकट का मुद्दा उठाया। 
मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी ने रीयल इस्टेट क्षेत्र से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि रोजगार में अहम योगदान देने वाला यह क्षेत्र आज संकट का सामना कर रहा है और इसे उबारने के लिए सरकार को मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए। 
इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने पूछा कि किसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए। तुलसी ने जवाब दिया ‘‘बिल्डरों की मदद के लिए।’’ तब नायडू ने कहा ‘‘यहां के और उत्तर प्रदेश के बिल्डरों के बारे में भी सबको पता है और उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा, यह भी सबको पता है।’’ 
भाजपा के किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान में वन भूमि से आदिवासियों को बेदखल किए जाने का आरोप लगाया और सरकार से इस बारे में समुचित कदम उठाए जाने की मांग की। 

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