वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है, बता दें कि सुप्रीम ने मुस्लिम पक्ष को झटका दिया है जिसमें कोर्ट ने कहा, सर्वे जारी रहेगा। कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए परिसर के एएसआई सर्वे को हरी झंडी दिखाई थी, इसके साथ ही एएसआई सर्वे को तत्काल प्रभाव से प्रभावी कर दिया था, हाईकोर्ट चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है।
मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर क्यों की थी रोक लगाने की मांग
दरअसल, मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद के ढांचे को नुकसान होने की बात कहकर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी, इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर सर्वे का विरोध किया गया था। मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि सर्वे से मस्जिद परिसर को क्षति पहुंच सकती है। लेकिन, कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज कर यह स्पष्ट कर दिया कि सर्वे से मस्जिद को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
हिंदू पक्ष का इस विवाद परक्या कहना है
ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का कहना है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण तकरीबन 2050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था। दावा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने साल 1664 में मंदिर को तुड़वाकर यहां मस्जिद का निर्माण किया। जिसे अब ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कर यह पता लगाया जाए कि जमीन के नीचे का भाग मंदिर होने के सबूत देता है या नहीं