CAA की आंच में झुलसा तहजीब का शहर लखनऊ , 500 लोग हिरासत में - Punjab Kesari
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CAA की आंच में झुलसा तहजीब का शहर लखनऊ , 500 लोग हिरासत में

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन ने गुरूवार को गंगा

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन ने गुरूवार को गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कहे जाने वाले नवाबों के शहर लखनऊ पर हिंसा का दाग लगा दिया वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल में उपद्रवियों ने आगजनी और तोड़फोड़ कर तनाव फैलाने की कोशिश की। 
सूबे की योगी सरकार ने नये कानून की आड़ में विरोध प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर पहले से ही राज्य भर में धारा 144 लागू कर दी थी और शुक्रवार तक जुलूस एवं धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी लेकिन सुरक्षा बलों के तमाम इंतजामों को धता बताते हुये उपद्रवी बीच सड़क पर निकले और जमकर तांडव किया। पुलिस ने हिंसा पर उतारू भीड़ को तितर बितर करने के लिये आंसू गैस के गोले दागे और लाठिया भांजी। 
लखनऊ के परिवर्तन चौक पर कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू समेत कई अन्य नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे। कलेक्ट्रेट और कैसरबाग क्षेत्र में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। 
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और नारेबाजी की। पुराना लखनऊ इलाके में मदेहगंज चौकी के पास उपद्रवियों ने तोड़ फोड़ कर कुछ वाहनो में आग लगा दी। हजरतगंज में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर जमकर पथराव किया जिसके जवाब में पुलिस ने उन पर लाठी चलायी। प्रदर्शन को देखते हुए परिवर्तन चौक के पास केडी सिंह बाबू मेट्रो स्टेशन को शाम पांच बजे तक बंद कर दिया गया। प्रशासन ने शान्ति बनाये रखने की अपील की है। 
अधिकृत सूत्रों के अनुसार लखनऊ में हिंसा फैलाने के आरोप में 500 लोगों को हिरासत में लिया गया है जबकि राज्य भर में दो हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। 
लखनऊ और सम्भल में हुई हिसंक घटनाओं को गंभीरता से लेते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। 
विपक्षी दलों के बंद की आड़ में किए गये प्रदर्शन के दौरान लखनऊ और सम्भल में आगजनी और तोडफोड की घटनाये हुयीं और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। बंद का आवाहन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर उनकी सम्पति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जायेगी।
श्री योगी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। अगर किसी को कोई आपत्ति है तो उसे आपसी बातचीत से ही सुलझाया जाना चाहिये। आरोपियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है और धरना प्रदर्शन करने पर सख्त मनाही थी। इसके बावजूद बडी तादाद में लोग सड़कों पर निकले और उपद्रव शुरू हो गया। इस बारे मे जिम्मेदारों से जवाब तलब किया जायेगा और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इस बीच घटना के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की कल होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं। 
सम्भल में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने परिवहन निगम की बस में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों का जुलूस चौधरी सराय पहुँचा तो अचानक नारेबाजी कर रही भीड़ उग्र हो गई। भीड़ में मौजूद कुछ अराजक तत्वों ने सड़क किनारे खड़ रोडवेज की बसों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। बवाल को बढ़ते देखकर शहर के बाजार आनन-फानन में बंद हो गये। 
पुलिस ने उपद्रवियों को रोकने का प्रयास किया। उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव किया जिससे कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये। उपद्रवियों ने पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया। इस दौरान पुलिस ने 20 से अधिक उपद्रवकारियों को अपनी हिरासत में लिया है। पुलिस बल सम्भल में तैनात है तथा इंटरनेट सेवाऐं बंद कर दी गई हैं। मण्डल एवं जिला के प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुँच गये हैं। 
कानपुर,देवरिया,अलीगढ़ और वाराणसी समेत राज्य के विभिन्न जिलों में सीएए के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात बाधित करने का प्रयास किया गया हालांकि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को लाठी पटक कर खदेड़ दिया। सपा के उग्र प्रदर्शन के मद्देनजर कुछ स्थानों पर पार्टी नेताओं को उनके घरों से बाहर नहीं निकलने दिया गया।
लखनऊ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम काला कानून है जो धर्म के आधार पर देश को बांटने की कोशिश है। कुर्सी की खातिर लागू किये गये इस कानून का विरोध उनकी पार्टी हर स्तर पर करेगी। संविधान में हर धर्म के लोगों को समान अधिकार दिये गये है जबकि अल्पसंख्यकों को निशाने पर रख कर इस कानून को अमल में लाया गया है। 
जिला प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन की आशंका से बुधवार को ही रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोयेब और वामदलों के अलावा सामाजिक संगठनों के कुछ नेताओं को नजरबंद कर दिया था। 
इससे पहले लखनऊ में सुबह सपा विधायकों ने विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट प्रदर्शन किया। इनमे से कुछ विधायक मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिये विधानभवन के मुख्य द्वार पर चढ़ गये। नेता प्रतिपक्ष और सपा सदस्य रामगोविंद चौधरी ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों को दरकिनार कर लाया गया। सीएए सरकार की हिटलरशाही रवैये का परिचायक है और उसके निशाने पर खास समुदाय के लोग है। 
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने जनता से किसी तरह के धरना प्रदर्शन में भाग नहीं लेने की अपील की है। उन्होने कहा कि पूरे राज्य में धारा 144 लागू है और गुरूवार एवं शुक्रवार को किसी तरह के धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। उन्होने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को किसी आंदोलन में भाग लेने की इजाजत नहीं दे। शरारती तत्वों के खिलाफ कडी कार्रवाई नही करने से पुलिस नही हिचकिचायेगी। 
देवरिया से प्राप्त सूचना के अनुसार शहर में सपा कार्यकर्ताओं ने संविधान बचाओ देश बचाओ के नारे लगाते हुये प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट गेट पर सुरक्षा बलों ने उन्हे हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की तादाद करीब 30 बतायी गयी है। जिलाधिकारी अमित किशोर और पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्र पैदल गश्त करते नजर आये।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिले में धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए जनता से किसी प्रकार के जुलूस, धरना, प्रदर्शन आदि में भाग नहीं लेने की अपील की और नहीं मानने वालों के खिलाफ कड़ कार्रवाई के लिये तैयार होने की चेतावनी दी। 
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से अफवाह फैलाकर बेनियाबाग एवं लोहता में लोगों को इकटठा होने का संदेश दिया जा रहा है। कुछ लोग छात्रों को गुमराह कर शांति व्यवस्था प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय, हॉस्टल, मदरसा आदि के छात्र-छात्राओं से विशेष अपील की है कि उन्हें कोई गुमराह करता है तो बहकावे में नहीं आयें, अपने पढाई पर ध्यान दें।
 
सीएए के विरोध में प्रयागराज में प्रदर्शन करने जा रहे करीब 300 समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा गया। सपा नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने जैसे ही पार्टी के जिला कार्यालय जॉर्ज टाउन से कचेहरी की ओर कूच किया, पहले से ही मौजूद सैकड़ की संख्या में पुलिस बल ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका। सभी कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस की सपाइयों से धक्कामुक्की भी हुई। लगभग आधे घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद मौके पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी (नगर) अशोक कुमार कन्नौजिया ने ज्ञापन लिया और सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर बसों में बैठाकर पुलिस लाइन भेजा। 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध प्रकाश ने बताया कि इसबीच बालसन चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान एक सिपाही के हाथ की एक अंगुली में चोट लग गई। वहीं बवाल की आशंका को देखते हुए वज, और आरएएफ का वाटर कैनन जानसेनगंज में तैनात कर दिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस लगातार मार्च कर रही है। 
उन्होने बताया कि करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लोगों के खिलाफ अलग अलग धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। शहर की स्थिति सामान्य है। 
अलीगढ़ में बाधित इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल शुक्रवार तक चालू नहीं करने का फैसला लिया गया है। सिविल लांइस क्षेत्र के केलानगर चौराहे पर प्रदर्शन पर उतारू कुछ महिलाओं को महिला एसडीएम ने खदेड़ दिया। महिलाओं का आरोप है कि वे सीएए के विरोध में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने जा रही थी। एक महिला को सिविल लाइंस थाने भेजा गया है। 
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के निकट डोडपुर,अमीनिशा,जकरिया मार्केट और जमालपुर में दुकाने आज खुल गयी लेकिन व्यवसाइयों ने सीएए के विरोध में पोस्टर और बैनर लगाये। शहर में आमतौर पर जनजीवन सामान्य है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नही है।

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