सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील बुलडोजर चलाने के एक आरोपी की जमानत याचिका के विरोध में अपनी दलीले रख रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा की क्या उनका बयान घरों पर बुलडोजर चलाना गलत है अदालत द्वारा दर्ज किया जा सकता है?
घरों पर बुलडोजर चलाना गलत?
जस्टिस एसके कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने एएजी रवींद्र रायजादा से पूछा कि तो क्या आप सहमत हैं कि मकानों पर बुलडोजर चलाना गलत है? तो फिर आप निःसंदेह घरों पर बुलडोजर चलाने के सिद्धांत का पालन नहीं करेंगे? क्या हमें आपका बयान दर्ज करना चाहिए कि घरों पर बुलडोजर चलाना गलत है?
बुलडोजर चलाने के सिद्धांत का पालन नहीं करेंगे?
एएजी रवींद्र रायजादा ने जवाब में कहा कि, मेरी दलील इस मामले तक ही सीमित है। मैं इससे आगे नहीं बढ़ूंगा। बता दें मौजूदा मामले में, याचिकाकर्ता को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन आरोपी के आपराधिक इतिहास को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश को रद्द कर दिया था