चंद्रशेखर आज़ाद ने उत्तर प्रदेश में पुलिस अधिकारियों द्वारा मुसलमानों को निशाना बनाकर भड़काऊ बयान देने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी प्रचार के लिए ऐसा कर रहे हैं और यह स्थिति मुसलमानों के लिए चिंताजनक है। मेरठ पुलिस ने सड़कों पर ईद की नमाज़ अदा करने पर चेतावनी दी थी, जिसे आज़ाद ने अनुचित बताया।
आज़ाद समाज पार्टी-कांशीराम के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने गुरुवार को सड़कों पर ईद की नमाज़ अदा करने के खिलाफ़ मेरठ पुलिस की चेतावनी की कड़ी आलोचना की, और आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अधिकारी प्रचार के लिए मुसलमानों को निशाना बनाकर भड़काऊ बयान देने की “प्रतियोगिता” में लगे हुए हैं। यूपी में पुलिस अफसरों में होड़ लगी हुई है कि कौन मुसलमानों के खिलाफ ज्यादा घिनौने बयान देगा, जिससे पब्लिसिटी होगी। पुलिस कोर्ट नहीं है। उन्हें पासपोर्ट रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है…मुझे लगता है कि आने वाले समय में मुसलमानों को सांस लेने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ेगी। यूपी सरकार और केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि उनके अफसरों के साथ क्या हो रहा है…”
हाल ही में मेरठ पुलिस ने कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताते हुए चेतावनी दी थी कि सड़कों पर ईद की नमाज अदा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इससे पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रवि किशन ने भी सड़कों पर नमाज अदा करने की प्रथा पर सवाल उठाया था और हिंदुओं और मुसलमानों दोनों से जनता को परेशान किए बिना अपने त्योहार मनाने का आग्रह किया था। मिडिया से बात करते हुए किशन ने कहा,हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमानों की भी जिम्मेदारी है कि वे जनता को परेशान किए बिना अपने त्योहार मनाएं। सभी विद्वान और मौलाना कहते हैं कि मस्जिद में नमाज कबूल होती है। सड़कों पर यह प्रथा किसने शुरू की?
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यह संभल की उप-मंडल मजिस्ट्रेट वंदना मिश्रा की टिप्पणी के बाद आया है, जिन्होंने कहा था कि सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए। इससे पहले, नवरात्रि, ईद और महानवमी समेत आगामी त्योहारों की व्यवस्थाओं पर चर्चा के लिए संभल में शांति समिति की बैठक हुई। बैठक में उठाई गई चिंताओं पर संभल की उप-मंडल मजिस्ट्रेट वंदना मिश्रा ने बात की। एएनआई से बात करते हुए एसडीएम मिश्रा ने कहा, आगामी त्योहारों के मद्देनजर शांति समिति की बैठक हुई है। नवरात्रि का त्योहार है, ईद है और महानवमी है। इसको लेकर बैठक हुई। बैठक में मौजूद लोगों ने कई मुद्दे उठाए। तय हुआ कि सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए और वे इस पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा,इसके अलावा माइक्रोफोन और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर भी चर्चा हुई, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। मस्जिद के पास छत पर नमाज पढ़ने की अनुमति उचित जांच के बाद ही दी जाएगी। सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा, अगर आप ईद की सेवइयां परोसना चाहते हैं, तो आपको गुजिया भी खानी होगी। हर व्यक्ति को अपना त्योहार मनाने की आजादी है। हमारा उद्देश्य यह है कि हम जहां रहते हैं, वहां की शांति और व्यवस्था भंग न हो।