उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल हालत उजागर हुई और प्रदेश की कमजोर व लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण ही कितने ही बेकसूर लोगों की जान चली गई। ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए‘कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम’का शुभारंभ किया है।
बता दें कि पहले चरण में लगभग 10 हजार फ्रंटलाइन वर्कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनका प्रशिक्षण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। कोविड संक्रमण के दृष्टिगत बेहतर होती स्थिति के बीच 21 जून से सोमवार से शुक्रवार सुबह सात बजे से रात्रि 09 बजे तक कोरोना कर्फ्यू में छूट दी जाएगी।
इस अवधि में कोविड प्रोटोकॉल के साथ बाजार, मॉल, रेस्टोरेंट पार्क, आदि खुल सकेंगे। धर्मस्थलों पर एक समय मे अधिकतम पांच लोगों की उपस्थिति हो सकती है, शादी समारोहों में अधिकतम 50 लोगों की सहभागिता की अनुमति दी जाए। सब्जी मंडिया खुले स्थानों पर संचालित की जाएं। स्टेडियम, जिम, क्लब, शिक्षण कार्य अभी बंद रखे जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में संक्रमण की दैनिक स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। यदि किसी जिले में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 500 से अधिक होती है तो कोरोना कर्फ्यू में दी जा रही छूट तत्काल समाप्त कर दी जाए।रात्रिकालीन कर्फ्यू रात्रि 09 बजे से अगले दिन प्रात: 07 बजे तक प्रभावी रखा जाए। शुक्रवार रात्रि से सोमवार प्रात: तक साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू भी लागू रखा जाए।
उन्होने बताया कि बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू हो गया है। 26 जून से दवाएं घर-घर वितरित की जाएंगी। जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निगरानी समितियों को दवाइयों का पैकेट दिलाया जाए। लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सतत मॉनीटरिंग की जाए।