मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने अपने बेटे मन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। वहीं अम्बिका चौधरी ने भी बेटे से साथ सपा में वापसी की है।
मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अम्बिका चौधरी लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। अब वह फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस दौरान अखिलेश ने कहा, ना जाने क्यों कुछ मज़बूत रिश्ते यूं ही टूट जाते हैं। अम्बिका चौधरी का स्वागत है पार्टी में। आप के आने से पार्टी मज़बूत हुई है। बहुमत की सरकार बनाने में मदद मिलेगी। नेता जी के जितने पुराने साथी हैं सबको सपा में जोड़ा जाएगा। सही समय पर जो साथ दे वही साथी है।
अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे। 2017 में बसपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए, पंचायत चुनाव में उनके बेटे ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बने। सपा सिबगतुल्लाह अंसारी को पार्टी की सदस्यता देकर इलाके के राजनीतिक माहौल में नए तरह का सियासी समीकरण तैयार करने के मूड में है।
दरअसल 2017 के विाानसभा चुनावों के पहले अंसारी अपनी पार्टी कौमी एकता दल से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लेते हुए सपा में शामिल हो गए थे। बाद में अखिलेश यादव के ऐतराज के बाद उन्होंने सपा से अलग होकर बसपा में शामिल होना पड़ा था।
मुहम्मदाबाद विाानसभा से दो बार विाायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह समर्थकों के साथ गाजीपुर से लखनऊ पहुंचे। सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर वो सपा का दामन थाम रहे हैं, ऐसे में लगभग तय है कि उन्हें या उनके बेटे को 2022 के विाानसभा चुनाव में सपा वहां से टिकट देगी।
सपा के संस्थापक सदस्य रहे अम्बिका चौधरी भी करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी कर ली है। इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब इनके बेटे को समाजवादी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था। अंबिका चौधरी, मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं।