मायावती फिर बनीं बसपा अध्यक्ष, उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों का भी ऐलान - Punjab Kesari
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मायावती फिर बनीं बसपा अध्यक्ष, उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों का भी ऐलान

बसपा की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति और राज्य इकाइयों के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों की बुधवार को हुई बैठक

मायावती को एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। बसपा की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति और राज्य इकाइयों के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों की बुधवार को हुई बैठक में मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 
इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया गया। साथ ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर दिया गया। बैठक में इन प्रत्याशियों के नामों पर लगी मुहर। हमीरपुर-नौशाद अली, जैदपुर (बाराबंकी)-अखिलेश अम्बेडकर, मानिकपुर (चित्रकूट)- राज नारायण निराला, प्रतापगढ़-रणजीत सिंह पटेल, घोषी-कयूम अंसारी, बलहा (बहराइच)- रमेश गौतम, टुंडला-सुनील चित्तौर, रामपुर सदर-जुबेर अहमद, एगलस-अभय कुमार, लखनऊ कैंट -अरुण द्विवेदी, गोविंद नगर (कानपुर)- देवी प्रसाद तिवारी, जलालपुर और सहारनपुर की गंगोह सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान अभी नहीं किया है। 

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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का मुख्य एजेंडा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना था। इससे सम्बन्धित सभी जरूरी प्रक्रियाएं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्रा ने पूरी करायीं। मायावती ने 18 सितम्बर 2003 को बसपा संस्थापक कांशीराम की तबीयत खराब होने के बाद पहली बार पार्टी अध्यक्ष पद सम्भाला था। उसके बाद 27 अगस्त 2006 वह दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुनी गयी थीं। 
मायावती ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाने के बाद सभी पार्टीजन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वह बहुजन आंदोलन के लिये पूरी तरह समर्पित हैं और इसके हित में वह ना तो कभी रुकेंगी और ना ही झुकेंगी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को भटकाया या तोड़ा नहीं जा सकता। बसपा प्रमुख ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने का जिक्र करते हुए  कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर हमेशा ही देश की एकता और अखंडता के हिमायती रहे हैं और वह जम्मू कश्मीर में अलग से अनुच्छेद 370 के प्रावधान लागू करने के पक्ष में कतई नहीं थे। 

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मायावती ने कहा कि यही वजह है कि बसपा ने संसद में इस अनुच्छेद को हटाए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कांग्रेस और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या की ‘जड़’ करार देते हुए कहा कि बिना इजाजत के कांग्रेस और अन्य पार्टी के नेताओं का कश्मीर जाना वहां के राज्यपाल और केंद्र सरकार को राजनीति करने का मौका देने वाला कदम था। बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस का ऐसा ही उदासीन और गैर सकारात्मक रवैया देश के सर्व समाज में खासकर गरीबों, दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गो तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भी रहा है। 
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि इन समुदायों के आर्थिक और सामाजिक हालात अभी तक खराब बने हुए हैं। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी लद्दाख क्षेत्र को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का भी स्वागत करती है। इससे लेह लद्दाख क्षेत्र के बौद्ध समुदाय की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। बसपा अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि इन राज्यों में पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। 

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