मथुरा में शाही मस्जिद स्थित पौराणिक कुएं का साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग अस्वीकार करने के मामले में हस्तक्षेप से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। बता दें इसे लेकर दाखिल श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दी है।
बता दें सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि विपक्ष के आदेश 7 नियम 11की अर्जी तय करने में साक्ष्य नहीं देखे जाते। कानूनी उपबंधों पर विचार किया जाता है। हाईकोर्ट ने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि संबंधी सभी सिविल वादों का ट्रायल हाईकोर्ट में करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची ने विपक्षी की वाद की पोषणीयता की अर्जी पर आपत्ति की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था, चुनौती दी गई है।
हाईकोर्ट स्थानांतरित करने और यहीं ट्रायल करने का आदेश दिया
दरअसल, यह आदेश न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट की याचिका पर दिया है। मथुरा की अदालत ने विपक्षी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से वाद की पोषणीयता की आपत्ति अर्जी मंजूर करते हुए पौराणिक कुएं का साइंटिफिक सर्वे कराने की याची की मांग अस्वीकार कर दी थी। इसी आदेश को याचिका में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य की याचिका पर अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जिला जज मथुरा को जन्मभूमि से जुड़े सभी मुकदमों की सूची दो सप्ताह में तैयार कर हाईकोर्ट स्थानांतरित करने और यहीं ट्रायल करने का आदेश दिया है।
शाही ईदगाह स्थित पौराणिक कुएं की मुंडेर तोड़ी जा रही
जबरदस्ती नहीं चलेगी, अब मैं 27 की हूं; भारत आने के बाद पहली बार सीमा का याचिका पर अधिवक्ता और विपक्षी अधिवक्ता पुनीत कुमार गुप्ता ने बहस की।अधिवक्ता सुरेश कुमार मौर्य का कहना था कि विपक्षी की ओर से वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल सीपीसी के आदेश सात नियम 11 की अर्जी तय करने से पहले आदेश 26 नियम नौ के तहत दाखिल याची की अर्जी निस्तारित हो। इस अर्जी में याची ने मथुरा की अदालत से मांग की थी कि कटरा केशव देव के नाम दर्ज शाही ईदगाह स्थित पौराणिक कुएं की मुंडेर तोड़ी जा रही है।