उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मणिपुर के मुद्दा गूंजा। समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य काफी नाराज हो गए और बैठक अगले दिन तक के लिए रोकनी पड़ी। लाल बिहारी यादव और पार्टी के अन्य लोगों ने बताया कि कैसे मणिपुर और भारत के अन्य स्थानों में महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे को उठाने को कहा लेकिन सपा सदस्य नहीं माने। सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि मणिपुर की घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है। राज्य में हत्या, डकैती, लूट और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी है।
किसी को कोई आपत्ति नहीं है
सभापति ने कहा कि वह शून्य काल में इस मुद्दे को सुनेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्न प्रहर भी विपक्ष का ही होता है। अगर आपको सरकार से अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं चाहिए तो किसी को कोई आपत्ति नहीं है। सपा के सदस्यों ने लगातार नारेबाजी जारी रखी। सभापति ने सपा सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर जाने को कहा लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
स्वीकार करने की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे
कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। सपा के सदस्य आसन के नजदीक पहुंच गये। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह सदन के पूर्व सदस्य सुभाष चंद्र महेश्वरी के निधन का शोक संदेश पढ़ने के लिये खड़े हुए तो सपा सदस्य अपने-अपने स्थान पर बैठ गए। इसके फौरन बाद सपा के सदस्य एक बार फिर सदन के बीचोंबीच आकर ‘महिला उत्पीड़न बंद करो’ के नारे लगाने लगे। सपा सदस्य मणिपुर की घटना पर ‘निंदा प्रस्ताव’ स्वीकार करने की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे।