हाल ही में यूपी के प्रयागराज जिले से एक हैरान करने देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक शव वाहन ना मिल पाने की वजह से एक शख्श अपनी पत्नी का शव लेकर करीब 45 किमी तक पैदल चला। तमाम कोशिशों के बाद भी एसआरएन अस्पताल में भर्ती एक महिला के निधन हो जाने के बाद उसके परिवार को शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं करवाई गई।
लेकिन जब अस्पताल की ओर से किसी तरह की सहायता नहीं की गई तब महिला का शव उसका पति ट्रॉली में लादकर अपने घर तक ले गया। जबकि अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि सोना नाम की जिस महिला की मृत्यु के बाद इस घटना की खबरें सामने आई हैं उसके अस्पताल में भर्ती होने का कोई रिकॉर्ड उनके पास नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज के शंकरगढ़ इलाके में रहने वाले कल्लू ने अपनी पत्नी को करीब पांच दिन पहले शहर के स्वरूप रानी अस्पताल में भर्ती कराया था। कल्लू की पत्नी जिनका नाम सोना है उनको सिर पर चोट लगने की वजह से यहां पर लाया गया था,जहां इलाज के बीच ही गुरुवार की सुबह उनका निधन हो गया।
पत्नी की मौत के बाद कल्लू ने अस्पताल में शव को घर ले जाने के लिए वाहन की मांग करी थी,लेकिन जब वाहन नहीं मिला तब शख्स अपनी पत्नी के शव को ट्रॉली में रखकर खुद करीब 45 किमी दूर अपने ससुराल शंकरग तक पहुंच गया। वहीं डेढ़ साल की बच्ची सोनिया अपनी मां की मृत्यु की मौत से अनभिज्ञ है।
वहीं बड़ा बेटा आठ साल का राहुल और छोटा बेटा पांच साल का जंगी है। अस्पताल से शव वाहन न मिल पाने और शव ले जाने के लिए कल्लू अपने तीनों बच्चों को मिंटो पार्क स्थित अपने पड़ोसी के घर छोड़कर शंकरगढ़ गया था। करीब दस घंटे रिक्शा ट्राली चलाकर कल्लू अपनी ससुराल पहुंचा तो ठेले पर शव देख सब सिहर उठे। परिवार की स्थिति ज्यादा खराब होने की वजह से वह अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए।
कल्लू ने कहा कि शुक्रवार के दिन वह ग्रामीणों की सहायता मांगकर वह अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करेगा। ये आलम तब है जब सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा कर रही है। पूरे वाकये के बाद जब इस बात की जानकारी सूबे के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह तक पहुंची तो उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए।
दोषी पाए गए अधिकारियों पर होगा ऐक्शन: सिद्धार्थ
मंत्री ने इस घटना में बातचीत करते हुए कहा जल्दी ही इस मामले की जानकारी मिल जाने के बाद तत्काल स्वरूप रानी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके आलावा हर जिले में 2 से 3 शव वाहन का इंतजाम अनिवार्य रूप से किया गया है। अब मंत्री ने इस केस में जांच के आदेश दिया और कहा रिपोर्ट आने पर जो भी इस लापरवाही का दोषी पाया जाता है उसके साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहना है जिम्मेदार का…
अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह की जानकारी मुझे नहीं है। न ही इस नाम की किसी महिला को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है।