लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टिया संगठनात्मक बदलाव कर पार्टी को मजबूत करने की ओर कदम बढ़ा रही है। 2024 के चुनाव से पूर्व भाजपा जिला स्तर के नेतृत्व को मजबूत कर निष्क्रिय अध्यक्षों को पदों से हटाना का मन बना चुकी है। कार्यकर्ता और जनता में अपनी पहुंच रखने वाले नेताओ को जिम्मेदारी सौपेंगी पार्टी। 45 से ज्यादा जिलों में अध्यक्षों को बदलने की मंजूरी।
पर्यवेक्षकों ने स्थानीय नेताओ से ली राय
45 से अधिक जिलाध्यक्षों को बदलने के लिए और नई नियुक्ति के लिए पार्टी ने पर्यवेक्षक तैनात किए थे। पर्यवेक्षकों ने जिलों में जाकर वहा के स्थानीय पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की राय जानी थी। जनता के बीच नामों की स्वीकार्यता को भी ध्यान में रखा गया। 15 जुलाई तक तीन से चार नाम का पैनल प्रदेश मुख्यालय को भेज गया.
एक हफ्ते में हो सकते शुरुआती बदलाव
पर्यवक्षको का द्वारा दी गई रिपोर्ट बीएल सन्तोष के सामने रखी गई। बैठक में नामो पर एक लम्बा मंथन चला और उन्होंने 50 जिलों में भाजपा अध्यक्षों के नाम बदलने पर सहमति दी। सूत्रों की माने तो बदलाव एक सप्ताह के भीतर देखने को मिल सकते है। लोकसभा के चुनाव से पहले 50 जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी।