LokSabha Election : BSP की एकला चलो की घोषणा, चार राज्यों के चुनाव में नतीजों के माहौल से तय होगा गठबंधन का रास्ता? - Punjab Kesari
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LokSabha Election : BSP की एकला चलो की घोषणा, चार राज्यों के चुनाव में नतीजों के माहौल से तय होगा गठबंधन का रास्ता?

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फूंक फूंक कर कदम रख रही मायावती इस बार कई नए फार्मूर्ले पर

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रहीं मायावती इस बार कई नए फॉर्मूलों पर काम कर रही हैं।अब तक वह न तो एनडीए में हैं और न ही विपक्षी भारत में शामिल हुई हैं।राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले चार राज्यों के चुनाव में माहौल के बाद वह अकेले चुनाव लड़ने या गठबंधन में जाने का फैसला कर सकती है।
हम किसी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे-मायावती 
जानकारों की मानें तो लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही बसपा लोकसभा जीतने के लिए फिलहाल तीन फॉर्मूलों पर काम कर रही है। मायावती ने पहले कहा था कि हम किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने एनडीए से दूरी बनाए रखी और साथ ही विपक्षी एकता की पूरी कवायद से भी दूरी बनाए रखी। लेकिन कुछ दिनों बाद उनके रुख में बदलाव आया है और उन्होंने चुनाव बाद गठबंधन के संकेत दिए हैं तो इसके भी अपने मायने हैं। इस साल के अंत में जिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें से तीन में भाजपा और कांग्रेस मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
मायावती ने अपने नए फार्मूले पर शुरू किया काम 
इन राज्यों में सरकार बीजेपी या कांग्रेस में से किसी एक की बनेगी।ऐसे में बसपा इस बात की ओर रुख कर सकती है कि सरकार किसकी बनेगी। फिलहाल वह माहौल को भांप रही हैं। इसीलिए उन्होंने ‘शक्ति संतुलन’ का हवाला देते हुए संकेत दिया है कि वह भविष्य में किसी भी गठबंधन का हिस्सा जरूर बन सकती हैं। बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी समझ चुकी है कि सत्ता में रहना लोगों को जोड़ता है, सत्ता से बाहर रहना लोगों को अलग करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बसपा चुनाव पूर्व गठबंधन की भी पेशकश कर रही है। इसके अलावा एक चर्चा ने और भी तेजी पकड़ ली है। भारत और एनडीए के अलावा एक तीसरा ऐसा मोर्चा बनना चाहिए जो इतना मजबूत हो कि सरकार किसी की भी हो, उसे मजबूर किया जा सके।यानी राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए मायावती ने अपने नए फॉर्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है।
औवेसी के साथ मायावती करेंगी गठबंधन ?
माना जा रहा है कि इसके लिए मायावती ओवैसी की पार्टी IMIMI और अन्य पार्टियों को साथ ले सकती हैं।राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बसपा इन दिनों दलित-मुस्लिम समीकरण के साथ आगे बढ़ रही है।दलित पहले से ही उनके पाले में हैं।मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए वह नया दांव चल रही है। राजनीतिक चर्चा है कि वह ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन कर सकती हैं।

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