कानपुर का चिड़ियाघर हुआ मॉडर्न, नई तरह से पर्यटक ले सकेंगे प्रकृति का लुत्फ पढ़िए पूरी खबर - Punjab Kesari
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कानपुर का चिड़ियाघर हुआ मॉडर्न, नई तरह से पर्यटक ले सकेंगे प्रकृति का लुत्फ पढ़िए पूरी खबर

कानपुर के निर्मित अनुभूति केंद्र में आपके लिए चिड़ियों के ‘कलरव’ सुनने का पूरा प्रबंध किया है।

अगर आप शहर में रहते हैं और चिड़ियों की चहचहाट से वंचित हो गए हैं, तो आपको कानपुर के चिड़ियाघर एक बार तो जरूर आना चाहिए। दरअसल, कानपुर के निर्मित अनुभूति केंद्र में आपके लिए चिड़ियों के ‘कलरव’ सुनने का पूरा प्रबंध किया है। बटन दबते ही चिड़िया घर परिसर पक्षियों के आवाज से गूंज उठता है। इतना ही नहीं यहां आपको कानपुर के इतिहास के बारे में जानने का पूरा मौका मिलता है। 
कानपुर चिड़िया घर के सहायक निदेशक अरविंद सिंह ने बताया कि डब्लूआइआई ने कानपुर के चिड़िया घर में एक अनुभूति केन्द्र की स्थापना की है। जिसमें गंगा किनारे रहने वाले पक्षी, कछुए, डाल्फिन और मछली के बारे में जानकारी दी जाती है।
तीन कमरों के बने कक्ष में इनकी जानकारी दी जाती है। इसमें एक बॉक्स बना है जिसमें पक्षियों का नाम लिखा है इसमें प्री रिकॉर्डेड आवाज बच्चों को सुनाई देती है। और उस जानवर के बारे में बताया जाता है। 
इसे भावी पीढ़ी से अवगत कराने के उद्देश्य से इसका निर्माण कराया गया है।
अरविंद ने बताया कि चिड़ियाघर में 5 से 16 साल के बच्चे खूब आना पंसद करते हैं। यहां पर उन्हें चिड़ियों के बारे में जानने को नई-नई नाते मिलती है। जो उनके इर्द-गिर्द घूमती रहती है। या ऐसे पक्षी जिनके बारे में वह सिर्फ किताबों में ही पढ़ पाते हैं। कई दर्जन पक्षियों की आवाज एक बटन दबाकर सुनी जा सकती है। 
इसके अलावा इस केंद्र में कानपुर के इतिहास व गंगा के महत्व भी बताया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद खुले इस केन्द्र में करीब 200 से 300 बच्चे आ रहे हैं। अभी इसमें एक गाइड रखा जाएगा। जो सुबह से लेकर शाम तक बच्चों को जानकारी दे।

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