अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार के संबंध में AIMPLB से नहीं मिली कोई सूचना : इकबाल इंसारी - Punjab Kesari
Girl in a jacket

अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार के संबंध में AIMPLB से नहीं मिली कोई सूचना : इकबाल इंसारी

इकबाल इंसारी ने कहा, “बोर्ड जो भी करना चाहे वह कर सकता है। मैं इसका हिस्सा नहीं बनना

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने या न करने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के मद्देनजर मुख्य वादी इकबाल अंसारी ने कहा कि वह इसमें पक्षकार नहीं बनना चाहते और बोर्ड जो चाहे वह कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एआईएमपीएलबी की बैठक के बारे में ‘‘कोई सूचना नहीं मिली’’ है। 
अंसारी (53) ने कई अन्य स्थानीय मुस्लिम नेताओं के साथ हाल ही में कहा था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में ऐतिहासिक फैसले के अनुसार मस्जिद बनाने के लिए आवंटित पांच एकड़ जमीन अयोध्या में सरकार द्वारा अधिग्रहीत 67 एकड़ भूमि के दायरे में ही दी जानी चाहिए। 
1573730609 ayodhya case
यह पूछे जाने पर कि क्या बोर्ड ने उन्हें इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए कहा है, इस पर अंसारी ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि बोर्ड (एआईएमपीएलबी) रविवार को इस पर फैसला लेने के लिए बैठक कर रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की जाए या नहीं। मुझे इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड जो भी करना चाहे वह कर सकता है। मैं इसका हिस्सा नहीं बनना चाहता। मुझे लगता है कि फैसले से लंबे समय से चल रहा विवाद हल हो गया है और समाज को इसे मानना चाहिए।’’ इस बीच, दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रामजन्मभूमि के समीप स्थित कोटिया पंजीटोला कॉलोनी में बुधवार देर शाम को अंसारी से उनके घर पर मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान अधिकारियों ने अंसारी से इस मुद्दे की संवेदनशीलता केा देखते हुए ‘‘बयान देने में एहतियात’’ बरतने के लिए कहा। अंसारी 2016 में अपने पिता हाशिम अंसारी के निधन के बाद मुख्य वादी बन गए थे। हाशिम अंसारी 1949 से इस मुकदमे को लड़ रहे थे। हाशिम अंसारी को पुलिस सुरक्षा दी गयी थी जो अब उनके बेटे को भी दी गयी है। 

प्रधानमंत्री की छवि बिगाड़ने के लिए कांग्रेस ने लगाए थे राफेल सौदे पर भ्रष्टाचार के आरोप : राजनाथ

सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से दिए फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केन्द्र को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए किसी वैकल्पिक लेकिन प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए। 
फैसले के तुरंत बाद एआईएमपीएलबी ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वह यह फैसला लेने के लिए जल्द ही अपनी कार्यकारी समिति की बैठक करेगी कि फैसले पर पुनर्विचार की मांग की जाए या नहीं। अंसारी ने कहा कि वह निजी रूप से ‘‘पुनर्विचार के पक्ष में नहीं हैं।’’ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।