दिल्ली की प्रधानमंत्री की कुर्सी का एक बड़ा रास्ता उत्तरप्रदेश को होकर गुजरता है। ये राज्य की रास्ता सत्ता धारी पार्टी के लिए तो थोड़ा आसान हो जाएगा लेकिन विपक्षी दलो को इसमें कांटे मिलेंगे। ऐसे में सभी की निगाहे विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे पर है। हालंकि अभी तक तो विपक्षी गठबंधन इंडिया आपसी झगड़े को नकारता रहा है और सब कुछ सुचारु रूप से चलने का दावा करता आया है।
सीट बंटवारे पर आगे बढ़ने को तैयार
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा की जब कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की बात आएगी तो वह आगे बढ़ने को तैयार हैं क्योंकि उनकी मुख्य चिंता बीजेपी को हराना है। उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे थे। जिससे इंडिया गठबंधबन के भविष्य को लेकर भी चर्चा जोरो पर थी। इसके पीछे की वजह कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष का बयान था जिसमे उन्होंने कहा की राज्य में पार्टी कार्यकर्ता सपा के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। 6 जुलाई को बृजलाल खाबरी ने लखनऊ में कहा था कि राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ता 2024 के चुनाव में सपा को छोड़कर किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं।
सीट बंटवारे की बात आएगी तो वह आगे बढ़ने को तैयार
वर्ष 2017 के कांग्रेस के साथ सपा के गठबंधन और 2019 में लोकसभा चुनावो में बसपा से गठबंधन दोनों के साथ जो अनुभव रहा उन्हें अनुभव रहा उसे साझा करते हुए कहा कि दोनों गंठबंधन से सीखने का अनुभव रहा। अखिलेश ने कहा कि मैंने हमेशा मुख्य उद्देश्य के रूप में भाजपा को हराना के लिए गठबंधन में प्रवेश किया है। समाजवादी पार्टी ने हमेशा बड़े दिल से सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर फैसला किया है।