लखनऊ की एक विशेष एमपी एमएलए अदालत ने स्थानीय व्यापारी और पूर्व राज्यसभा सांसद बनवारी लाल कंछल को एक सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट के तीन दशक पुराने एक मामले में बृहस्पतिवार को दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कंछल पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ए के श्रीवास्तव ने इससे पूर्व कंछल को पैरोल पर रिहा करने का उनका अनुरोध ठुकराते हुए कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
इस मामले में बिक्री कर अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी ने छह अक्टूबर, 1991 को यहां के हजरतगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया था कि वह मीरा बाई मार्ग स्थित अपने कार्यालय में काम कर रहे थे, तभी अचानक कंछल और उनके साथी कार्यालय में घुसे और उनके साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट की।
प्राथमिकी के मुताबिक, वे लोग कह रहे थे कि त्रिपाठी को जांच में वाहनों को जब्त नहीं करना चाहिए। शिकायतकर्ता के अनुसार अन्य कर्मचारियों के कार्यालय में आने पर आरोपी भाग गए।
सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने इस मामले को साबित करने के लिए पांच गवाहों को पेश किया।