उत्तर प्रदेश के मेरठ में शनिवार रात करीब 8.30 बजे एक दर्दनाक हादसा हो गया। बता दें कांवड़ और उसके साथ चल रहा साउंड सिस्टम 11 हजार की बिजली लाइन की चपेट में आ गया और उसमें सवार तमाम लोग करंट से झुलस गए। 20 घायलों को आनन-फानन में आसपास के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज भेजा गया। हादसे में दो भाइयों समेत 5 लोगों की मौत हो गई। सूचना पर एडीजी, आईजी और डीएम-एसएसपी भी मौके पर दौड़े। वहीं, आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके पर हंगामा करते हुए जाम लगा दिया और बिजली विभाग के कर्मचारियों पर मुकदमे की मांग की।
तमाम कांवड़ियां और आसपास मौजूद कई लोग झुलस गए
आपको बता दें राली चौहान गांव निवासी संजू और प्रदीप अपने साथियों के साथ शनिवार रात कांवड़ लेकर हरिद्वार से गांव पहुंचे। गांव से बाहर मेरठ-किला मार्ग पर कांवड़ देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा थी। किला मार्ग से राली की ओर मुड़ने के दौरान साउंड सिस्टम की ट्रैक्टर-ट्रॉली और कांवड़ हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। पूरी ट्रॉली में करंट दौड़ गया और तमाम कांवड़ियां और आसपास मौजूद कई लोग झुलस गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। कुछ लोगों ने घायलों को ट्रॉली से अलग किया।
पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव कर दिया और नारे लगाए
दरअसल, इस घटना की सूचना मिलते ही डीएम और एसएसपी फोर्स के साथ मौके पर दौड़े। दूसरी ओर आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना के विरोध में हंगामा करते हुए जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के जेई और लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। आरोप लगाया कि कांवड़ के साथ आ रहे पुलिसकर्मियों ने बिजलीघर पर कॉल कर तीन बार शटडाउन मांगा था। बावजूद इसके लाइन नहीं काटी गई और झूठ बोल दिया कि बिजली बंद कर दी गई है। इसके बाद कांवड़ आगे बढ़ाई तो वह लाइन की चपेट में आ गई और हादसा हुआ। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव कर दिया और नारे लगाए। कई थानों की फोर्स मौके पर बुलाई गई है।